कानपुर : हैलट अस्पताल का शल्य चिकित्सा विभाग में देश मे पहली बार Adipose Tissue derived {Cellular Fraction} Stem Cell Transplant Type 2 Diabetes{मधुमेह रोग} के लिए हुआ है। इस विधि में कमर और पेट की चर्बी से स्टीम सेल निकले गए और फिर उसे रोगी के मांसपेशियों और खून कोशिकाओ में डाला गया । इससे मरीज के pancreas (beta cells )जिससे insulin सामान्य मात्रा में निकलने में मदद मिलेगी। इस विधि के लिए डॉ बी एस राजपूत (Dr BS Rajput) और डॉ संजय काला (Dr Sanjay Kala) के साथ इंदौर से आई हुई टीम राज शर्मा और प्रेम राजपूत ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया। देश मे हुआ यह पहला (fat derived stem cell transplant) के प्राप्तकर्ता 50 वर्षीय व्यक्ति है जो पिछले पांच साल से टाइप 2 Diabetes से ग्रसित हैं। विभिन्न प्रकार की दवाइयों के बावजूद मधुमेह नियंत्रण ना होने के कारण (HBA1c = 9.8; FBS = 150mg/dl) Dr Rajpur और Dr Kala ने इस अनोखी विधि के द्वारा इस इलाज की तरफ कदम उठाया है।
मरीज़ के पेट और कमर की चर्बी को भी कम किया गया (Liposuction) इस विधि में प्लास्टिक सर्जन डॉ प्रेम शंकर , और साथ सर्जरी रेजिडेंट डॉ शुभम सिंह, डॉ पुनीत शर्मा, डॉ सृजन, डॉ यामिनी और डॉ निर्मल का पूरा साथ मिला। निशेतना विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सी एस सिंह और कंसल्टेंट डॉ एस के गहलोत, डॉ नेहा मिश्रा और साथ साथ ही रेजिडेंट डॉ गणेश, डॉ अवनीश, डॉ मोहसिन, डॉ शिवानी, डॉ उमेश का सहयोग रहा। सर्जरी GOT की सिस्टर इंचार्ज मंजू और सिस्टर कंचन, स्टाफ नर्स भानु, पवन ,अंकिता द्वारा हर संभव सहायता की गई।
हैलेट में पिछले एक साल से Dr BS Rajput और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य Dr Sanjay Kala के मार्गदर्शन में हैलट अस्पताल में 100 स्टेम सेल transplant कराये जा चुके हैं जिससे कि Autism,विभिन्न प्रकार की Muscular Dystrophy, रीढ़ की हड्डी की चोट, Cerebral Palsy,ADHD, Myaesthenia Gravis जैसी लाइलाज बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। डॉ संजय काला ने कहा कि स्टेम सेल विधि से मरीजो और उनके घरवालो को उम्मीद की नई किरण प्रदान होती रहेगी।
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