नई सड़क बवाल के आरोपी मुख्तार बाबा और उसके परिवार पर पुलिस विभाग और जिला प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है। अब शत्रु संपत्ति को बंधक रखकर 1.66 करोड़ों रुपए का लोन लेने के मामले में लेखपाल ने मुख्तार बाबा उसके परिवार के 10 सदस्यों और बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन अधिकारी के खिलाफ बेगमगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
लेखपाल विपिन कुमार के अनुसार तलाक महल स्थित मैसर्स शाहिद सिल्क हाउस के नाला रोड निवासी प्रोपराइटर शाहिद आलम ने बैंक ऑफ बड़ौदा की किदवई नगर शाखा से 27 दिसंबर 2006 को 75 लाख की सीमा का ओवरड्राफ्ट खाता स्वीकृत कराया था। 5 सितंबर 2009 को बैंक की ओर से 1.57 करोड़ों रुपए की ओवरड्राफ्ट सीमा स्वीकृत कर दी गई। इसके साथ ही 23 सितंबर 2009 को 9.12 लाख ₹ का मियादी ऋण भी बैंक द्वारा शाहिद सिल्क हाउस को दे दिया गया। इस ओवरड्राफ्ट की ऋण की स्वीकृति के लिए प्रोपराइटर शाहिद आलम ने 8 संपत्तियां बैंक में बंधक बनाई थी।
जांच में सामने आया कि जो संपत्तियां बैंक में बंधक रखी गई थी उसमें 91/146 हीरामन का पुरवा शत्रु संपत्ति घोषित है जो कि सरकार की संपत्ति मानी जाती है। जिसे विक्रय या बंधक नहीं रखा जा सकता है। इसके अलावा दो अन्य संपत्तियां 99/14 बेकन गंज एवं
88/21 नाला रोड चमन गंज को भी शत्रु संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है आरोप है कि बैंक ऑफ बड़ौदा से जब इस संबंध में पूछा गया तो उनकी ओर से अपने पैनल अधिवक्ता के माध्यम से इन संपत्तियों के संबंध में क्लीयरेंस रिपोर्ट प्राप्त करके ऋण जारी करने का दावा किया गया। लेकिन जांच में सामने आया कि बैंक ने राजस्व विभाग से बंधक संपत्तियों के संबंध में कोई जानकारी ही नहीं ली थी। यदि राजस्व विभाग या नगर निगम से स्वामित्व की जानकारी ली गई होती तो सही स्थिति का पता चल जाता। आरोप यह भी है कि शाहिद आलम ने संपत्ति संख्या 91/146 हीरामन का पुरवा पर अपना कब्जा दर्शाने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाएं।
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