कानपुर देहात की घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार और उनके कर्मियों की नजर में आम जनता की कोई कीमत नहीं है और बुलडोजर नीति का पालन कराने हेतु वे किसी भी हद तक जा सकते हैं, भले ही इसके लिए मजबूर जनता के घरों में आग लगाना पड़े और उनकी जान ले ली जाए.
अधिकार सेना इस भयावह घटना की घोर निंदा करती है और यह मांग करती है कि इस मामले में एसडीएम और एसओ को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और साथ ही डीएम और एसपी कानपुर देहात को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए.
अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर द्वारा कानपुर देहात निवासी सुमित मिश्रा की अध्यक्षता में शिवम पाल, घनश्याम शुक्ला, विवेक कुमार, सुमित कुमार और सचिन कुमार की एक जांच समिति मड़ौली गांव, कानपुर देहात भेजी गई जिनके द्वारा मौके पर यह पाया गया कि वहां न सिर्फ भारी पुलिस बल लगाया गया है बल्कि मौके पर किसी से भी बातचीत करने नहीं दिया जा रहा है और पूरे इलाके को सील बंद कर दिया गया है. पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील है. अन्य कोई भी जानकारी दिए जाने की स्थिति गांव में वर्तमान में नहीं है. अमिताभ ठाकुर ने कहा कि शीघ्र ही उनकी जांच समिति मौके पर दुबारा जाकर और विस्तार से तथ्यों की जांच करेगी.
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