प्रयागराज में गवाह उमेश पाल (Umesh Pal) और उनके गनर की हत्या (Murder) मामले में पुलिस एक्शन में हैं. इस मामले की तफ्दीश कर रही पुलिस और एसटीएफ (STF) की टीम ने आज एक बीजेपी के नेता के घर की छापेमारी की. ये छापेमारी शहर के रसूलाबाद इलाके में की गई. आरोपी बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा का पदाधिकारी है. ये बीजेपी नेता वारदात में नामजद हुए एक आरोपी का करीबी बताया जा रहा है, इसके अलावा इस मामले में एक पूर्व सिपाही की भूमिका की भी जांच हो रही है.
उमेश पाल हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस और एसटीएफ की टीम आज प्रयागराज के रसूलाबाद इलाके पहुंची, जहां टीम ने बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारी के घर छापेमारी की है. कहा जा रहा है कि उमेश पाल पर हमला करने वाले नामजद आरोपी से बीजेपी के इस नेता का करीबी संबंध है. इस मामले में एक पूर्व पुलिस के सिपाही की भूमिका भी संदेह के घेरे में है जिसके बाद उसकी भी जांच की जा रही है.
गवाह उमेश पाल की गोलियां मारकर हत्या
दरअसल उमेश पाल, बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह थे. इस मामले में माफिया अतीक अहमद पर हत्या कराने का आरोप है. शुक्रवार की शाम जब उमेश पाल एक केस की सुनवाई के बाद अदालत से घर लौटे तो अज्ञात बदमाशों ने घर के बाहर ही उन पर हमला बोल दिया. उमेश पाल जैसे ही अपनी कार से नीचे उतर हमलावरों ने उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी. कहा जा रहा है कि हमलवार अदालत से ही उनका पीछा कर रहे थे.
हमलावरों को देखते ही उमेश पाल सामने गली में अपने घर की ओर भागने लगे, लेकिन बदमाशों ने पीछा करते हुए उन पर गोलियां बरसाई और बमबाजी भी की. इस हमले में उमेश पाल और उनके गनर संजय निषाद की मौत हो गई जबकि एक गनर राघवेंद्र सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया है. पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई हैं. वहीं आज इस मुद्दे पर यूपी विधानसभा में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस देखने को मिली. सीएम योगी ने कड़े शब्दों में कहा कि वो माफिया को मिट्टी में मिला देंगे
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