पत्रकारों का संगठित होना ज़रूरी क्यों?

अभय त्रिपाठी :- पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी हैं, लेकिन प्रहरी तभी सशक्त होता है जब वह अकेला नहीं...

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कानपुर : बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सैकड़ों वकीलों के साथ पुलिस आयुक्त को दिया ज्ञापन।

कानपुर बार एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर...

मैथिलीशरण गुप्त: हिंदी और हिंदुस्तान को आजीवन समर्पित रही जिनकी कलम।

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कानपुर : इंटररेंज-9 गैंग में पुलिस ने 5 नाम बढ़ाए, उत्पीड़न के खिलाफ अधिवक्ता देंगे धरना।

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प्रयागराज : पत्रकार की चाकुओं से गोदकर की निर्मम हत्या, पुलिस ने आरोपी का किया हाफ एनकाउंटर।

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लखनऊ-वाराणसी हाईवे 9500 करोड़ से बनेगा 6 लेन। राजधानी से काशी पहुँचगे सिर्फ 3 घँटे में।

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Kanpur Metro : गणतंत्र दिवस तक नौबस्ता तक शुरू होगा सफर, लाखों लोगों की यात्रा होगी आसान।

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IPS Story : यूपी पुलिस के तेजतर्रार अधिकरी आईपीएस अनुराग आर्य से बड़े-बड़े माफिया खौफ खाते हैं. उन्होंने मऊ में एसपी पद पर रहते हुए माफिया मुख्तार अंसारी का साम्राज्य ध्वस्त कर दिया. आइए जानते हैं कि अनुराग आर्य के सिविल सेवा में आने की क्या है कहानी.

IPS Story : कई बार जिंदगी आराम से चल रही होती है लेकिन तभी कुछ ऐसा होता है जिससे सब कुछ बदल जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ था 2013 बैच के तेजतर्रार आईपीएस अनुराग आर्य के साथ. अनुराग आर्य पहली बार माफिया मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाकर चर्चा में आए थे. मुख्तार अंसारी की सल्तनत पर पहली कील आईपीएस अनुराग आर्य ने ही ठोंकी थी. आज हम जानेंगे अनुराग आर्य की पढ़ाई-लिखाई, फैमिली बैकग्राउंड, पुलिस अधिकारी बनने की दास्तान

आईपीएस अनुराग आर्य यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के आम एस्पिरेंट्स की तरह बचपन से प्रशासनिक सेवा में आने का सपना नहीं देखे थे. वह तो एमएससी करके कुछ और करना चाहते थे. लेकिन कभी इंग्लिश से डरने वाले अनुराग एमएससी में दो सब्जेक्ट में फेल हो गए. बचपन से ही पढ़ने में होशियार रहे अनुराग आर्य को इस बात से तगड़ा झटका लगा. उन्होंने सोचा कि कुछ और करना चाहिए.

यूपी के बागपत जिले के हैं अनुराग आर्य

आईपीएस अनुराग आर्य यूपी के बागपत जिले के छोटे से गांव छपरौली से हैं. वह अपनी मां डॉ. पूनम आर्य और पत्नी वनिका सिंह के साथ रहते हैं. वनिका सिंह पीसीएस अधिकारी हैं. जबकि मां होम्योपैथी डॉक्टर हैं. उनके पिता भी डॉक्टर हैं. लेकिन मां और पिता के बीच शादी के दो साल के भीतर ही मतभेद के चलते अलगाव हो गया था. जब अनुराग छह महीने के तभी उनकी मां अपने साथ लेकर अपने मायके छपरौली चली आई थीं.

बचपन में इंग्लिश से लगता था डर

अनुराग आर्य की सातवीं क्लास तक पढ़ाई गांव के ही सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में ही हुई है. इस समय उन्हें इंग्लिश से डर लगता था. लेकिन इसके बाद उन्होंने इंग्लिश को ही हथियार बनाया. साल 2008 में उनका एडमिशन देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री स्कूल (IMS) में हो गया. यहां के माहौल में उन्होंने अनुशासन और इंग्लिश दोनों सीखी. पर्सनॉलिटी डेवलप हुई. उन्होंने घुड़सवारी, माउंटेनियरिंग और राफ्टिंग जैसे खेलों में कई मेडल जीते. इसके बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया.

एमएससी में हो गए थे दो सब्जेक्ट में फेल

बीएचयू से ग्रेजुएशन के बाद अनुराग आर्य ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज में एमएससी में दाखिला लिया.साल 2011 में वह दो सब्जेक्ट में फेल हो गए. उन्हें इस बात से बहुत धक्का लगा. जिसके बाद एमएससी की पढ़ाई छोड़कर कुछ समय लिया करियर के बारे में सोचने के लिए. फाइनली तय किया कि उन्हें आईपीएस बनना है.

ढाई साल में चार जिलों के बने एसपी

अनुराग आर्य साल 2013 में यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में बैठे. इसी दौरान उनका सेलेक्शन आरबीआई में मैनेजर पद पर हो गया. आरबीआई में नौकरी ज्वॉइन भी कर ली. कानपुर में आठ महीने जॉब भी की. इसी प्रयास में वह आईपीएस बन गए. उनकी 163 रैंक थी. जिसके बाद बैंक की जॉब छोड़ दी.शुरुआत में अनुराग आर्य ढाई साल में चार जिलों के एसपी बने. वह 6 महीने अमेठी, 4 महीने बलरामपुर, 14 महीने मऊ और 5 महीने प्रतापगढ़ में एसपी रहे.

मुख्तार अंसारी पर की बड़ी कार्रवाई

आईपीएस अनुराग आर्य ने साल 2019 से 2020 तक मऊ में तैनाती के दौरान मुख्तार अंसारी के गैंग पर कड़ी कार्रवाई की. अवैध बूचड़खाने चलाने वाले मुख्तार अंसारी गैंग के 26 लोगों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की. साथ ही उसके शूटर अनुज कनौजिया का घर बुलडोजर से ढहा दिया. अनुराग आर्य ने 2020 में मुख्तार अंसारी पर मुकदमा दर्ज किया. 2013 के बाद पहली बार था जब मुख्तार पर कोई केस दर्ज हुआ. उन्होंने मुख्तार अंसारी की काली कमाई के स्रोतों पर प्रहार किया और उसके गुर्गों पर कड़ा एक्शन लिया।


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