कानपुर : प्रदेश में जमीन से जुड़े विवादों को लेकर देवरिया, सुल्तानपुर, कौशाबी और कानपुर देहात में दोहरे हत्याकांड की घटनाओं के बाद भी इटावा पुलिस जमीन सम्बंधित विवाद में दबंगई के शिकार पीड़ित को न्याय नही दिला पा रही है। पीड़ित को न्याय की गुहार लगाने 200 किलोमीटर दूर कानपुर में एडीजी ज़ोन के यहाँ तक आना पड़ रहा है। ताजा मामला इटावा के चौबिया थाना क्षेत्र के ग्राम बरलोकपुर निवासी आमोद कुमार दुबे का है जिन्होंने कानपुर एडीजी ज़ोन आलोक सिंह से अपने पुत्र पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करने की गुहार लगाई जिसपर एडीजी द्वारा इटावा पुलिस को कार्यवाही के निर्देश दिए गए है।
इटावा के चौबिया थाना क्षेत्र के ग्राम बरलोकपुर निवासी किसान आमोद कुमार दुबे ने बताया कि उनकी ग्राम बरलोकपुर में पुस्तैनी खेतिहर भूमि है। आरोप है कि दबंग प्रधान विशुन लाल कठेरिया और इसके गुर्गे बृजेंद्र जाटव, विपिन जाटव, कृष्ण कठेरिया, विरल दुबे और रूपेश कुमार दुबे की नीयत उनकी जमीन पर खराब है और ये सभी अपनी दबंगई और राजनैतिक रसूख़ के दम पर भूमि पर जबरन कब्जा करना चाहते है। इन लोगों ने 29 सितम्बर की रात को उनके पुत्र यशवंत दुबे तथा नाती दीपक कुमार पर जानलेवा हमला किया था जिससे उनके पुत्र यशवंत दुबे गम्भीर रूप घायल हो गया था,जिसे पुलिस ने बसरेहर सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया था जहाँ गम्भीर हालत होने के कारण उसे जिला अस्पताल इटावा रेफर कर दिया था जिसके बाद पीड़ित ने थाना चौबिया में प्रधान और उसके साथियों के खिलाफ बलवा, जानलेवा हमला और धमकी जैसी गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसमे से अभी तक एक आरोपी रूपेश कुमार दुबे की गिरफ्तारी हुई है जबकि अन्य आरोपी फरार चल रहे है। पीड़ित का आरोप है दबंग प्रधान और उसके गुर्गे खुलेआम “देवरिया नरसंहार” की तरह उसके पूरे परिवार के नरसंहार करने की धमकी देते हुए घूम रहे है जिसकी जानकारी देने के बावजूद पुलिस प्रधान और उसके साथियों को गिरफ्तार नही कर रही है।
पीड़ित किसान ने बताया की बीती 15 अप्रैल को भी प्रधान ने उसकी भूमि पर निर्मित 50×60 की चाहर दिवारी को जबरन गिरावा कर भूमि के मध्य में जबरन जेसीबी चलवाकर चक रोड बनवा लिया था विरोध करने पर धमका कर रंगदारी मांगी थी, जिसकी शिकायत थाने से लेकर एसएसपी तक से करने पर पुलिस ने एफआईआर नही दर्ज की थी बाद में एडीजी कानपुर ज़ोन के निर्देश के बाद थाना चौबिया में मुकदमा दर्ज हुआ था जिसे पुलिस ने राजनैतिक दबाव में फाइनल रिपोर्ट लगा दी, पीड़ित ने आशंका जताई है कि जल्द आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही नही की तो वो पीड़ित के सारे परिवार की हत्या कर सकते है या फिर फर्जी मुकदमों में फ़सा सकते है।
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