आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से रिश्तेदारों की आवाज में फोन करके पैसा मांग रहे साइबर ठग
कानपुर : अनजान नंबर से आपके मोबाइल पर कॉल करके अगर आपके मामा-नाना, चाचा-ताऊ, या अन्य रिश्तेदार किसी मुसीबत में होने की बात करके पैसों की मांग करें तो उन पर सीधे भरोसा न करें। फोन काटकर संबंधित रिश्तेदार के मोबाइल पर फोन जरूर कर लें। ऐसा न हो कि आप जाने-अनजाने साइबर ठगी के शिकार हो जाएं।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से रिश्तेदारों की आवाज में फोन करके ठग पैसों की मांग कर रहे हैं। इस तकनीक के माध्यम से साइबर ठग सोशल मीडिया पर मौजूद तस्वीर व आवाज से नकली को असली बनाकर पेश कर रहे है।
ठग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के माध्यम से फेसबुक, इंस्टाग्राम व अन्य प्लेटफार्म से तस्वीर को लेकर इस तरह से पेश करेंगे कि सामने वालों को लगेगा कि बिल्कुल असली है। ठगों के वारदात के तरीके बदल रहे हैं। देश मे कई जगह से इस तरह की शिकायत आने के बाद अब ठगों से बचने के लिए जागरूकता अभियान में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से हो रही वारदात से बचने की सलाह दी गई है। इन वारदात में भाई की आवाज में दुर्घटना का बहाना बनाकर खाते में पैसा डलवाना या किसी की तस्वीर को इस तरह से पेश करना कि सड़क दुर्घटना में घायल होने की बात कह कर दोस्त से पैसा डलवाना आदि है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से हो रही ठगी से बचने के उपाय
: डीप-फेक से बचे, वीडियो या तस्वीर नकली पूरी तरह से असली दिखेगी।
: किसी अज्ञात लिंक को क्लिक न करें।
: फेंक वीडियो से पैसा मांगने की जानकारी 1930 पर तुंरत दे, सूचना डायल 112 पर भी दी जा सकती है।
: सोशल मीडिया पर अधिक जानकारी देने से बचे।
: सोशल मीडिया पर मौजूद जानकारी को सुरक्षित रखे, कोई उसमें प्रवेश न कर सके।
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