क्या हाल है अयोध्या का? रोजगार के मद्देनजर क्या कर रहा है वहां युवा? क्या राम कीमंदिर के जरिये अयोध्या के युवाओं का किसी तरह का कोई आर्थिक विकास हुआ है? शहर और उसके विकास का जायजा लेने के लिए हमने भी अयोध्या का रुख किया और जो जवाब मिले वो दिल को सुकून देने वाले थे.
अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां अपने आखिरी पड़ाव पर आ गयी है. 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा होनी है. ऐसे में पूरे देश का उत्साह देखते बन रहा है. जिस तरह का विकास अयोध्या में हुआ, निकट भविष्य में यूपी का ये छोटा सा शहर एक बड़े बिजेनस हब के रूप में उभरेगा. चाहे वो हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री हो या फिर ट्रेवल और टूरिज्म सेक्टर. इसमें कोई शक नहीं है कि लोगों के फुट फॉल के साथ यहां रोजगार के नए अवसर स्थापित होंगे.
क्या हाल है अयोध्या का? रोजगार के मद्देनजर क्या कर रहा है वहां युवा? क्या राम मंदिर के जरिये अयोध्या के युवाओं का किसी तरह का कोई आर्थिक विकास हुआ है? जवाब है हां? शहर और उसके विकास का जायजा लेने के लिए अभी बीते दिनों हमने भी अयोध्या का रुख किया.
हमने जो वहां देखा, इस बात का विश्वास हो गया कि, अयोध्या के ज्यादातर युवाओं ने अपने करियर और पैसा कमाने को लेकर पुख्ता प्लानिंग तब ही शुरू कर दी थी. जब अयोध्या में बनने वाले भव्य राममंदिर को लेकर फैसला आया था.
चाहे वो राम की पैड़ी हो या फिर दशरथ महल और लता चौक शहर के प्रमुख हॉट स्पॉट्स पर हमें ऐसे तमाम युवा मिले जिनके हाथों में कैमरा था. इतना जानने के बाद शायद आपको ये लगे कि ये युवा शौकिया फोटोग्राफी कर रहे हैं. तो ऐसा बिलकुल नहीं है.
युवाओं की इस बड़ी संख्या ने फोटोग्राफी को अपना करियर ऑप्शन या ये कहें कि आजीविका का साधन बनाया है. शायद आपको जानकार हैरत हो. प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही जिस हिसाब से लोगों की भीड़ अयोध्या पहुंच रही है, ये युवा रोजाना के 1000 या 1200 रुपए कमा रहे हैं.
ये तमाम युवा नई अयोध्या के विकास से बेहद खुश हैं. इनमें से ज्यादातर का यही मानना है कि राम मंदिर निर्माण के जरिये पीएम मोदी की सबका साथ सबका विकास की अवधारणा जमीन पर उतरी है और खास के अलावा इसका फायदा आम लोगों को भी पहुंचा है.
फोटोग्राफर पैराडाइज बने अयोध्या के टूरिस्ट स्पॉट्स
राम की पैड़ी पार ही हमारी मुलाकात अशोक मिश्रा नाम के युवक से हुई. पूछने पर बताया कि ग्रेजुएशन किया है. घर में आर्थिक संकट है. तो जैसे तैसे स्नातक की पढ़ाई की फिर आगे पढ़ने का हौसला टूट गया. सिर्फ ग्रेजुएट्स को कोई नौकरी देता नहीं तो शहर से बाहर नहीं निकले.
फोटोग्राफी में इंटरेस्ट था. पहले मोबाइल से फोटो खींचते थे. दोस्तों के कहने पर किसी से ब्याज पर पैसे लिए और कैमरा लिया और आज अपने ही शहर में इतना कमा लेते हैं जितनी सैलरी उनके दोस्तों को लखनऊ, दिल्ली, नोएडा जैसे किसी बड़े शहर में मिल रही है.
ऐसे ही हम ज्ञान दुबे से भी मिले. इनके हाथ में भी कैमरा था. इनसे जब इनकी कमाई के विषय में पूछा तो हंसते हुए बोले कि एक फोटो का दस रुपए लेते हैं. और क्योंकि लोग आ रहे हैं तो अयोध्या की घूमने वाली जगहों से दिन भर में 200 से 250 के बीच फोटो खींच लेते हैं.
अशोक और ज्ञान की तरह ही हमें चंदन नाम के युवा में भी खासा उत्साह नजर आया. चंदन ने कैमरे के साथ साथ गिटार भी ख़रीदा है. बात अगर इनकी रेट लिस्ट की हो तो अगर टूरिस्ट इनसे गिटार के साथ फोटो क्लिक कराएगा तो ये 25 रुपए लेते हैं वरना साधारण फोटो 10 रुपए में क्लिक हो जाती है.
घाट पर हमें इन तीनों के अलावा जितने भी फोटोग्राफर्स मिले सबकी आंखों में हमें एक उम्मीद दिखी. महसूस यही हुआ कि जैसे-जैसे एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में अयोध्या धाम विकसित होगा इन युवाओं के दिन भी बहुरेंगे.
न प्रिंटर न और कोई साधन कैसे मिलती है फोटो
चूंकि हमने किसी भी फोटोग्राफर के पास प्रिंटर नहीं देखा तो ये जानने में हमें भी खासी दिलचस्पी हुई कि आखिर इन फोटोग्राफर्स से फोटो क्लिक कराने वाले लोगों को उनकी फोटो मिलती कैसे है?
इस सवाल का जवाब देते हुए फोटोग्राफर्स ने बताया कि वो डाटा केबल के जरिये पीडीएफ फॉर्मेट में ग्राहक को तस्वीरें देते हैं. और अगर लोग कहते हैं तो उन्हें उनकी तस्वीरें ईमेल भी कर दी जाती हैं.
और कैसे कमाई कर रहे हैं अयोध्या के युवा ?
नई अयोध्या के विकास ने स्वतः ही स्पष्ट कर दिया है कि राम मंदिर के कारण पूरे अयोध्या में लोगों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है. ऐसे में लोगों ने रिमोट से चलने वाली कई सारी टॉय कार्स भी खरीद ली हैं.
दिलचस्प ये कि वीकेंड में अगर आपको अपने बच्चे को इसपर बैठाना है तो आपको नंबर लगाना होगा. बात अगर इनके रेट्स पर हो तो इसके एक चक्कर के लिए आपको अपनी जेब से 50 से लेकर 100 रुपए तक खर्च करने होंगे.
इनसे कितनी कमाई हो रही है? इस सवाल का जवाब देते हुए अभय नाम के युवक ने बताया कि नार्मल दिनों में एक गाड़ी से 1500 से 1800 रुपए मिल जाते हैं जबकि वीकेंड में एक गाड़ी से कमाई 2500 से 3000 के आस पास होती है.
बात अगर इन गाड़ियों की कीमत की हो तो अमेजन और फ्लिपकार्ट पर बैटरी से चलने वाली ये गाड़ियां 11 हजार रुपए से लेकर 22 हजार रुपए तक आ रही हैं.नई अयोध्या को देखते हुए हम फिर उसी बात को दोहराना चाहेंगे कि वाक़ई यहां रोजगार की अपार संभावनाएं हैं.
अच्छी बात ये है कि स्वयं अयोध्या का वो युवा जो रोजगार के नाम पर बड़े शहरों में संघर्ष कर रहा था, अब अपने ही शहर में रहकर और काम करते हुए एक बेहतरीन ज़िन्दगी जी सकता है. इस बात में भी कोई शक नहीं है कि जैसे- जैसे वक़्त आगे बढ़ेगा अयोध्या में लोगों का फुट फॉल तेज होगा.
खुद सोचिये इस बात को कि, अयोध्या जैसे छोटे शहर का वो युवा जो अभी ही चंद घंटों में अपनी मेहनत से दिन के 1000 से 2000 रुपए सीधे कर रहा है आने वाले समय में उसकी और उसके परिवार की स्थिति क्या होगी? स्पष्ट है कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनने से फायदा सबका हुआ है और इसका असर हमें शहर में आने वाले वक़्त में दिखेगा।
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