नई दिल्ली। पान मसाला, गुटखा और ऐसे तंबाकू उत्पादों के विनिर्माताओं को एक अप्रैल से जीएसटी अधिकारियों के साथ अपनी पैकिंग मशीनरी को पंजीकृत कराने में विफल रहने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा। इस कदम का उद्देश्य तंबाकू विनिर्माण क्षेत्र में राजस्व ‘नुकसान’ को रोकना है।
वित्त विधेयक-2024 ने केंद्रीय जीएसटी अधिनियम में संशोधन पेश किया है। इसमें हर ऐसी मशीन के पंजीकृत नहीं होने पर एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। कुछ मामलों में ऐसी मशीनों को जब्त भी किया जा सकता है। जीएसटी परिषद की सिफारिश के आधार पर कर अधिकारियों ने पिछले साल तंबाकू विनिर्माताओं की ओर से मशीनों के पंजीकरण के लिए विशेष प्रक्रिया अधिसूचित की थी। इन मशीनों की पैकिंग क्षमता के साथ मौजूदा पैकिंग मशीनों, नई स्थापित मशीनों का विवरण फॉर्म जीएसटी एसआरएम-आई में करना होता है। हालांकि, इसके लिए कोई दंड का प्रावधान नहीं था।
वित्त विधेयक में जुर्माने का प्रावधान
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा, कंपनियों की उत्पादन क्षमता पर नजर रखने के लिए जीएसटी परिषद ने फैसला किया था कि कुछ दंड होना चाहिए। यही कारण है कि वित्त विधेयक में मशीनों का पंजीकरण नहीं कराने पर एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
मंत्री समूह ने की थी सिफारिश : जीएसटी परिषद ने फरवरी, 2023 में पान मसाला व गुटखा कारोबार में कर चोरी रोकने को राज्यों के वित्त मंत्रियों के पैनल की रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। मंत्री समूह ने सिफारिश की थी कि राजस्व के पहले चरण के संग्रह को बढ़ावा देने को पान मसाला व तंबाकू उत्पादों पर मुआवजा उपकर लगाने की व्यवस्था को यथामूल्य से विशिष्ट दर आधारित शुल्क में बदला जाए।
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