अभय त्रिपाठी / UPtvLIVE
कानपुर : चुनावी रण सज गया है। दुंदुभि बजते ही राजनीतिक रणबांकुरों के बीच दो-दो हाथ करने की तैयारी शुरू है। लोकसभा के चुनावी चक्रव्यूह में कई राजनीतिक दलों के प्रत्याशी रूपी धनुर्धर ‘अर्जुन’ हर द्वार तोड़ने के लिए मैदान में उतर चुके हैं। कुछ में इंतजार है। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र भाजपा का अभेद्य किला बन चुका है। लोकसभा चुनाव 2014 के बाद से आंकड़े इसके गवाह हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच से सिसकते बुंदेलखंड को संजीवनी मिली है। भाजपा ने जहां 10 सीटों में से नौ पर पुराने धुरंधरों को ही मैदान में उतार दिया है केवल कानपुर नगर सीट में पेंच फंसा है मौजूदा सांसद सत्यदेव पचौरी और संघ घराने की बहु और पचौरी की बेटी नीतू सिंह कानपुर लोकसभा टिकट के लिए आमने सामने आ गए है।
वर्तमान सांसद सत्यदेव पचौरी 75 साल की उम्र में भी टिकट की दावेदारी ठोक दी हैं। पहली सूची में कानपुर से प्रत्याशी के नाम का ऐलान न होने पर सत्यदेव पचौरी ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। और वही संघ घराने की बहु और सत्यदेव पचौरी की बेटी नीतू सिंह भी लोकसभा सीट के लिए दावेदारी कर रही हैं। नीतू सिंह ने भी दिल्ली में डेरा डाल दिया है। वही इसी खींचतान के बीच नीतू सिंह के ससुर वीरेंद्र जीत सिंह जो इस समय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में क्षेत्र संघचालक के पद पर थे उन्हें दायित्व मुक्त कर कृष्ण मोहन जी को क्षेत्र संघचालक दायित्व सौंप दिया गया है।
मायके से ब्राह्मण-ससुराल से क्षत्रिय हैं।
संघ घराने से ताल्लुक रखने वाली नीतू सिंह बैरिस्टर रहे नरेंद्रजीत सिंह की पौत्रबहु और सांसद सत्यदेव पचौरी की बेटी हैं। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ अपने शुरूआती दिनों के दौरान कानपुर में जमीन तैयार कर रहा था। उस समय संघ से जुडे़ बैरिस्टर नरेंद्रजीत सिंह ने कानपुर समेत आस-पास के जिलों में संघ की आधारशिला रखी थी। नीतू सिंह मायके पक्ष से ब्राह्मण और ससुराल पक्ष से क्षत्रिय हैं। निकाय चुनाव में मेयर पद के लिए भी नीतू सिंह का नाम सामने आया था, लेकिन अंतिम क्षणों में नीतू सिंह नाम सूची से कट गया था।
2019 में लोकसभा चुनाव में पिता के प्रचार करती नीतू सिंह और अन्य परिवारजन।
पचौरी ने टिकट पाने के लिए चला अंतिम दांव।
सांसद सत्यदेव पचौरी ने कानपुर लोकसभा सीट से दोबारा टिकट हासिल करने के लिए आखिरी दांव चल दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्होंने लोकसभा क्षेत्र में विकास कार्यों की दुहाई देते हुए पत्र सौंपा है जिसमें कानपुर में 55 हजार करोड़ रुपये की लागत से चल रहे विकास कार्य गिनाए गए हैं। पचौरी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा व गृहमंत्री अमित शाह को पांच साल के कार्यकाल का लेखा-जोखा सौंपा है। डा.मुरली मनोहर जोशी का टिकट कटने के बाद पचौरी को पार्टी ने 2019 के चुनाव में प्रत्याशी बनाया था। वह खासे अंतर से कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल को पराजित करके सांसद चुने गए थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में वह गोविंदनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। योगी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री थे।
Recent Comments