कानपुर : आम आदमी के लिए पुलिस को लेकर हमेशा एक समस्या रहती है कि पुलिस उनकी एफआईआर दर्ज नहीं करती. हालांकि, कानपुर के एक मामले ने सबको हैरान कर दिया है. इस मामले में पुलिस कमिश्नर के आदेश के बाद भी हनुमंत विहार पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। इसके बाद पीड़ित न्याय के लिए दर दर भटकने को मजबूर है. दरअसल दबंगों द्वारा कुख्यात भूमाफिया का बोर्ड लगाकर गरीब किसान मिहीलाल के मकान में जबरन कब्जा कर लिया गया। पीड़ित ने पुलिस को सूचना दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद पुलिस आयुक्त के यहाँ से एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही के आदेश के बाद भी मुकदमा नहीं लिखा गया। वही नाबालिक से रेप के मामले में भी पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नही कर रही है। हनुमंत विहार पुलिस थाने में बैठे-बैठे वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों को ठेंगा दिखा रही है।
केस-1
हनुमंत विहार के उस्मानपुर में रहने वाले मिहीलाल बीमारी के कारण पिछले तीन वर्ष से वो अपने गाँव भीमसेन में रहते है। उनका पुस्तैनी मकान न 34 उस्मानपुर बन्द था। पड़ोस में 34A उस्मानपुर में रहने वाले दबंग सतीश मौर्या, सतेन्द्र मौर्या, जितेन्द्र मौर्या और राकेश मौर्या ने मकान का ताला तोडकर जबरन घुस गए और सारा सामान गायब कर मकान पर कब्जा कर लिया। मिहीलाल के अनुसार बीती 10 जून को जब वो अपने गाँव से पुस्तैनी मकान पर आया तो देखा की मकान पर एक शहर के भूमाफिया का बोर्ड लगा है जो जमीनो में कब्जा करने के लिए कुख्यात है (जिसके खिलाफ लगभग एक दर्जन गम्भीर अपराधिक मुकदमे दर्ज है) पीड़ित के अनुसार विरोध करने पर उसे धमकाया गया। जिसकी शिकायत थाना हनुमंत विहार से लेकर डीसीपी साउथ तक से की गई लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की जिससे दबंगों के हौसले बुलंद हो गए आरोप है कि पीड़ित मिहीलाल को जितेंद्र मौर्या और सतीश मौर्या ने जबरन रोक कर गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए दबंगो ने रंगदारी माँगी, जिसकी शिकायत पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर से की जिसपर हनुमंत विहार पुलिस को निर्देश दिए गए कि आरोपों की सत्यता की जाँच कर मुकदमा पंजीकृत किया जाए लेकिन थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं कि और दबंग ग़रीब के मकान में कब्जा कर उसमें धड़ल्ले से अवैध निर्माण भी कराने लगे और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।
केस-2
हनुमंत विहार थाना क्षेत्र में रहने वाली एक 10 वर्ष की नाबालिग बच्ची के साथ उसके ताऊ ने माँ-बाप की हत्या की धमकी देकर रिश्तों को कलंकित करते हुए नबालिग बच्ची को हवस का शिकार बना डाला, ताऊ को थाना नौबस्ता से ह्त्या के मामले में उम्र कैद की सजा हो चुकी है और सुप्रीम कोर्ट से स्पेशल लीव पर जेल से बाहर है।
पीड़िता की माँ ने 20 अप्रैल को तहरीर दी तो हनुमंत विहार पुलिस ने एफआईआर नहीं दर्ज की, पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसरों की परिक्रमा करने के बाद पीड़िता की माँ ने कोर्ट की शरण ली जहाँ कोर्ट के आदेश के बाद रेप और पॉस्को जैसी गम्भीर धाराओं में 3 जून को मुकदमा दर्ज हो पाया। पीड़ित बच्ची का मेडिकल और 164 के बयान के बावजूद पुलिस आज तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया, पीड़िता की माँ ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कमिश्नर से गुहार लगाई जहाँ से थाना पुलिस को कार्यवाही के आदेश दिए गए, लेकिन रेप और पॉस्को का आरोपी आज भी खुलेआम घूम रहा है और पीड़ित परिवार दहशत में जीने को मजबूर है। यह दो केस ही बताने के लिए काफी हैं कि हनुमंत विहार पुलिस किस तरह काम कर रही है।
निष्पक्ष कार्यवाही की जाएगी किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा। हरीश चंद्र (अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था)
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