भारत में बढ़ते मॉब लिंचिंग के मामलों को ध्यान में रखते हुए नए कानूनों में इस पर सजा का प्रावधान किया गया है. भारतीय न्याय संहिता (BNS), की धारा 103 के तहत जाति, नस्ल या समुदाय के आधार पर की गई हत्या को एक अलग अपराध के रूप में मान्यता दी गई है।
भारत में तीन नए अपराध कानून आज 1 जुलाई से लागू हो गए हैं. इनमें भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) शामिल हैं. खास बात ये है कि इन नए कानूनों पर सबसे पहले उत्तर प्रदेश में अमल किया गया है. नए कानून के तहत यूपी के कानपुर में दो एफआईआर दर्ज की है।
बता दें कि ये तीनों कानून दिसंबर 2023 में संसद से पास हुए थे. इन नए कानूनों भारत में आजादी के बाद से ही औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों की जगह ली है. सरकार ने इन नए कानूनों के बारे में कहा था, “यह भारतीयों द्वारा, भारत के लिए बनाए गए कानून हैं…”
भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2024 में दर्ज धारा 69 के अनुसार छलपूर्वक यौन संबंध बनाने के मामले में सजा का प्रावधान है. इसमें कहा गया है, “कोई व्यक्ति ‘छलपूर्वक साधन’ या किसी महिला से शादी करने का वादा कर (जिसे पूरा करने का कोई इरादा नहीं है) उससे शारीरिक संबंध बनाता है, उसे 10 साल तक की कैद और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है…’ ‘छलपूर्वक साधन’ में रोजगार या पदोन्नति का झूठा वादा, किसी तरीके का दबाव डालना या असली पहचान छिपाकर शादी करना शामिल है।
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