जेड स्क्वायर मॉल में दबंगई का मामला : दरोगा ने वकील दीनू उपाध्याय समेत 19 के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा।

कानपुर में बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में जेल भेजे गए वकील धीरज उपाध्याय उर्फ दीनू के खिलाफ...

कानपुर : IG आशुतोष कुमार ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) का संभाला कार्यभार।

विज्ञापन कानपुर। नवातुंक संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) आशुतोष कुमार ने आज अपने...

पिंटू सेंगर हत्याकांड : वकील धीरज उपाध्याय उर्फ दीनू गिरफ्तार।

कानपुर : बसपा नेता नरेंद्र सिंह सेंगर उर्फ पिंटू सेंगर हत्याकांड में चार साल के लंबे अंतराल के बाद...

कानपुर में विश्व रेडक्रॉस दिवस का आयोजन : समाज सेवा करने वालों को किया गया सम्मानित।

विज्ञापन कानपुर में विश्व रेडक्रॉस दिवस के अवसर पर सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में कार्यक्रम का...

परमाणु हथियारों का भी हाई अलर्ट, सज गए युद्धपोत; पाकिस्तान की हवा निकालने…

भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बौखलाया पाकिस्तान लगातार दो दिनों से सीमा पर जोरदार...

वर्ल्ड रेड क्रॉस दिवस कब मनाया जाता है? जानिए क्या है इसका इतिहास और महत्व।

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पहलगाम बदला- भारत की एयर स्ट्राइक से थर्राया पाकिस्तान, आतंकी ठिकानों पर कहर बनकर बरसे लड़ाकू जेंट्स, तबाह हुए 9 आतंकी ठिकाने।

भारत ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार रात डेढ़ बजे 9 आतंकी ठिकानों पर एयर...

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लखनऊ : पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल सीएम योगी से मिला, रखी माँगें…

★नि:शुल्क चिकित्सा, कम दर में प्लॉट, सूचीबद्धता विज्ञापन दर में वृद्धि, पेंशन समेत अन्य माँगों पर...

IPS राजीव नारायण मिश्र अपर पुलिस आयुक्त नोयडा बने, श्री राम जन्मभूमि पर हुए हमले में आतकंवादियों को किया था ढेर

विज्ञापन योगी सरकार यूपी की कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए हर कोशिश कर रही है। इसीलिए...
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एक जुलाई से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि प्रौद्योगिकी और फॉरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे विकास को देखते हुए ये तीनों कानून जरूरी हैं। तीनों आपराधिक कानून विचार-विमर्श के बाद लाए गए हैं। सरकार का लक्ष्य देश की जनता को न्याय प्रदान करना है।

नई दिल्लीः देश में अपराधों पर कार्रवाई और आपराधिक प्रक्रिया तय करने वाले तीन नए कानून एक जुलाई से लागू हो चुके हैं। ऐसे में एक जुलाई के बाद जो भी अपराध घटित होगा उसकी प्राथमिकी (एफआइआर) पुलिस नए कानून में दर्ज करेगी। लेकिन नए कानून लागू होने के बावजूद जो अपराध कानून लागू होने की तिथि एक जुलाई से पहले घटित हुआ होगा, उसकी प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) में ही दर्ज होगी चाहे प्राथमिकी एक जुलाई के बाद ही क्यों न दर्ज कराई जाए। ऐसे मामलों में अपराध तो आइपीसी में दर्ज होगा, लेकिन केस की जांच और अदालती कार्यवाही में नया कानून ही लागू होगा। इस तरह नए कानून लागू होने के बाद भी कुछ समय तक घालमेल बना रहेगा व कानूनीं पेंच भी फंसेंगे जिन्हें अदालतें तय करेंगी और धीरे-धीरे नए कानून स्थिरता ले लेंगे।

अपराध के मामले में संवैधानिक व्यवस्था तय है कि अपराध घटित होने की तिथि पर जो कानून लागू था, उसी के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। यानी एफआइआर किस कानून में दर्ज होगी, यह बात अपराध घटित होने की तिथि पर निर्भर करेगी। सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक राय और ज्ञानंत सिंह कहते हैं कि जो एफआइआर एक जुलाई के बाद दर्ज होगी, वह भले ही आइपीसी में दर्ज हुई हो, लेकिन प्रोसिजरल ला नया ही लागू होगा। यानी मामले की जांच, चार्जशीट, अदालती कार्यवाही की प्रक्रिया नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रविधानों के मुताबिक होगी। उसमें जो प्रक्रिया

डेटलाइन दी गई है, उसी का पालन किया जाएगा। इसके बाद जब आइपीसी में दर्ज मामले में आरोपित की जमानत का मुद्दा कोर्ट पहुंचेगा तो माननीय न्यायाधीश जमानत अर्जी पर विचार करते समय यह देखेंगे कि अभियुक्त जिस अपराध में जमानत मांग रहा है वह अपराध आंइपीसी में जमानती. है या गैरजमानती, लेकिन उसी वक्त जमानत देने की प्रक्रिया में नया कानून लागू करेंगे। इस तरह एक ही केस में अलग-अलग स्तर पर नए और पुराने कानून का घालमेल थोड़े दिन चलता रहेगा और यही घालमेल आरोपित एवं अभियोजन दोनों को अपने पक्ष में केस को घुमाने की गुंजाइश देगा। ज्ञानंत समझाते हैं कि बात अभियुक्त की निजी स्वतंत्रता को लेकर आएगी और पुराने सीआरपीसी के प्रविधान ज्यादा लाभकारी दिखेंगे तो वकील निश्चित तौर पर सीआरपीसी के लाभकारी प्रविधान को लागू करने की मांग कर सकते हैं क्योंकि घटना एक जुलाई से पहले की है।

नए-पुराने कानून के बीच घालमेल की स्थिति में अदालतें व्याख्या करके कानूनी पेंचीदगियां तय करेंगी जो नजीर बनेंगी। कुछ वर्षों तक ऐसा होगा और धीरे-धीरे नया कानून स्थिरता ले लेगा।

ज्ञानंत सिंह, सुप्रीम कोर्ट के वकील


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