UP : मुस्लिम बच्चों ने हिंदू बच्चों की पानी की बोतल में पेशाब मिलाकर पिलाया, वजह सुनकर चौंक जाएंगे आप..

बागपत : उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि जिले के...

कानपुर : पुनर्नवा फाउंडेशन ने शुरू किया ‘हम हैं स्वदेशी’ संकल्प अभियान।

कानपुर : उत्तर प्रदेश में स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की भावना को नई दिशा देने के उद्देश्य से पुनर्नवा...

UTTARPRADESH की TOP-20 खबरें..सबसे पहले UPtvLIVE पर…

➡लखनऊ-रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को लखनऊ पहुंचेंगे, 15 नवंबर को सुबह 11.40 बजे लखनऊ एयरपोर्ट...

यूपी में उन्नाव, कानपुर देहात समेत चार जिलों में निजी टेक्सटाइल पार्क बनेंगे।

लखनऊ : यूपी में चार निजी टेक्सटाइल पार्कों की स्थापना की जाएगी। उन्नाव, कानपुर देहात, शामली व...

कानपुर समेत 17 जिलों के 21 राजकीय इंटर कालेजों में बनेंगे मिनी इंडोर स्टेडियम, 49 करोड़ रुपये की स्वीकृति।

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने खेल सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब कानपुर समेत 17...

यूपी की पहली फ्लैटेड फैक्ट्री कानपुर में तैयार, MSME सेक्टर को मिलेगी नई उड़ान..

दादानगर में 65 करोड़ की लागत से बना अत्याधुनिक परिसर, दिसंबर या जनवरी में होगा उद्घाटन। कानपुर :...

कानपुर टेरर कनेक्शन : कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. आरिफ मीर को ATS ने उठाया।

Dr. Arif Mir detained from Kanpur: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के डॉ. मोहम्मद आरिफ को कानपुर में...

यूपी की टॉप-20 खबरें सबसे पहले uptvlive.com पर।

➡ आगरा, अवैध खनन, परिवहन पर पुलिस प्रशासन की कार्रवाई, CP और DM के निर्देश पर पूरे जिले में...

जर्नलिस्ट क्लब में साहित्य और संवेदना का संगम, वरिष्ठ पत्रकार अभय त्रिपाठी सहित कई कवि हुए सम्मानित।

कानपुर। आज ख्यातिलब्ध साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था “विकासिका” के तत्वावधान में जर्नलिस्ट क्लब...
Information is Life

विज्ञापन

एक जुलाई से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि प्रौद्योगिकी और फॉरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे विकास को देखते हुए ये तीनों कानून जरूरी हैं। तीनों आपराधिक कानून विचार-विमर्श के बाद लाए गए हैं। सरकार का लक्ष्य देश की जनता को न्याय प्रदान करना है।

नई दिल्लीः देश में अपराधों पर कार्रवाई और आपराधिक प्रक्रिया तय करने वाले तीन नए कानून एक जुलाई से लागू हो चुके हैं। ऐसे में एक जुलाई के बाद जो भी अपराध घटित होगा उसकी प्राथमिकी (एफआइआर) पुलिस नए कानून में दर्ज करेगी। लेकिन नए कानून लागू होने के बावजूद जो अपराध कानून लागू होने की तिथि एक जुलाई से पहले घटित हुआ होगा, उसकी प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) में ही दर्ज होगी चाहे प्राथमिकी एक जुलाई के बाद ही क्यों न दर्ज कराई जाए। ऐसे मामलों में अपराध तो आइपीसी में दर्ज होगा, लेकिन केस की जांच और अदालती कार्यवाही में नया कानून ही लागू होगा। इस तरह नए कानून लागू होने के बाद भी कुछ समय तक घालमेल बना रहेगा व कानूनीं पेंच भी फंसेंगे जिन्हें अदालतें तय करेंगी और धीरे-धीरे नए कानून स्थिरता ले लेंगे।

अपराध के मामले में संवैधानिक व्यवस्था तय है कि अपराध घटित होने की तिथि पर जो कानून लागू था, उसी के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। यानी एफआइआर किस कानून में दर्ज होगी, यह बात अपराध घटित होने की तिथि पर निर्भर करेगी। सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक राय और ज्ञानंत सिंह कहते हैं कि जो एफआइआर एक जुलाई के बाद दर्ज होगी, वह भले ही आइपीसी में दर्ज हुई हो, लेकिन प्रोसिजरल ला नया ही लागू होगा। यानी मामले की जांच, चार्जशीट, अदालती कार्यवाही की प्रक्रिया नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रविधानों के मुताबिक होगी। उसमें जो प्रक्रिया

डेटलाइन दी गई है, उसी का पालन किया जाएगा। इसके बाद जब आइपीसी में दर्ज मामले में आरोपित की जमानत का मुद्दा कोर्ट पहुंचेगा तो माननीय न्यायाधीश जमानत अर्जी पर विचार करते समय यह देखेंगे कि अभियुक्त जिस अपराध में जमानत मांग रहा है वह अपराध आंइपीसी में जमानती. है या गैरजमानती, लेकिन उसी वक्त जमानत देने की प्रक्रिया में नया कानून लागू करेंगे। इस तरह एक ही केस में अलग-अलग स्तर पर नए और पुराने कानून का घालमेल थोड़े दिन चलता रहेगा और यही घालमेल आरोपित एवं अभियोजन दोनों को अपने पक्ष में केस को घुमाने की गुंजाइश देगा। ज्ञानंत समझाते हैं कि बात अभियुक्त की निजी स्वतंत्रता को लेकर आएगी और पुराने सीआरपीसी के प्रविधान ज्यादा लाभकारी दिखेंगे तो वकील निश्चित तौर पर सीआरपीसी के लाभकारी प्रविधान को लागू करने की मांग कर सकते हैं क्योंकि घटना एक जुलाई से पहले की है।

नए-पुराने कानून के बीच घालमेल की स्थिति में अदालतें व्याख्या करके कानूनी पेंचीदगियां तय करेंगी जो नजीर बनेंगी। कुछ वर्षों तक ऐसा होगा और धीरे-धीरे नया कानून स्थिरता ले लेगा।

ज्ञानंत सिंह, सुप्रीम कोर्ट के वकील


Information is Life