कानपुर कलेक्ट्रेट में तैनात ईआरके साधना तिवारी की मिलीभगत से राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी की गई। इसके बाद अनूसूचित जाति की जमीन को सामान्य जाति के व्यक्ति को बेचने के आदेश जारी कर दिए। उक्त जमीन 10 करोड़ रुपए से अधिक की कीमत की बताई जा रही है।
शिकायत पर डीएम राकेश कुमार सिंह एसडीएम सदर, एडीएम एफआर और तहसीलदार को भेजकर अभिलेखों की जांच कराई तो फर्जीवाड़ा सामने आया।
FIR कराने के आदेश
राजस्व अभिलेखों में छेड़खानी कर फर्जी तरीके से जमीन बिक्री के इस मामले पर FIR कराने के निर्देश दिए गए हैं। मामले में ईआरके एवं दो कंपनी के निदेशक सुशील कुमार, शशि गौड़ व दिनेश कुमार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश एडीएम लैंड को दिया गया।
इस प्रकार किया गया पूरा फर्जीवाड़ा
बगदौधी कछार परगही कछार में वंशीलाल (अनुसूचित जाति) की जमीन है। इस जमीन को बिना प्रशासन की अनुमति के वंशीलाल से तायल पाइप इंडस्ट्रीज के निदेशक सुशील कुमार ने खरीद ली। इसके बाद सुशील कुमार ने इस जमीन को कृषि से आवासीय में परिवर्तित करा ली।
आदेश कर दिया था निरस्त
जब इसकी शिकायत हुई तो जिलाधिकारी ने भूमि परिवर्तन के आदेश को निरस्त कर दिया। वहीं दूसरी तरफ इंडस्ट्री के मालिक ने बैंक से इस संपत्ति पर लोन भी ले लिया। लोन न चुकाने पर इस जमीन को बैंक ने नीलामी करा दी। जिसे अपने ही रिश्तेदार के नाम से खरीद लिया।
निदेशक ने किया पूरा खेल
तायल पाइप लाइन इंडस्ट्रीज के निदेशक सुशील कुमार, फेलोरा कंपनी के निदेशक शशि गौड़ ने अभिलेखागार की मिलीभगत से फर्जी तरीके से जमीन बेचने और भूमि परिवर्तन के आदेश जारी करा लिए। जब इसकी शिकायत जिलाधिकारी से खलासी लाइन निवासी कल्पना गुप्ता ने की तो मामले की जांच कराई गई।
एडीएम लैंड दर्ज कराएंगे मुकदमा
जांच में पाया गया कि अभिलेखागार ने खतौनी के आदेश कालम में लाल रंग की लाइन को हटाकर उसमें फर्जी तरीके से भूमि बिक्री के आदेश जारी किए गए। मामले की जांच कर रिपोर्ट डीएम को सौंपी तो उन्होंने एडीएम लैंड को रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।
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