लखनऊ : राज्य सरकार नजूल भूमि को अब पट्टे पर नहीं देगी। इतना ही नहीं पट्टा अवधि खत्म होते ही पट्टेदारों को बेदखल कर नजूल भूमि वापस ले ली जाएगी। इनका उपयोग सिर्फ विभागों को सार्वजनिक उपयोग के लिए दिया जाएगा। राज्य सरकार ने सोमवार को विधानसभा में उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक-2024 में पेश किया। राज्यपाल ने 7 मार्च 2024 को इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी।
आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति अगला (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक तैयार किया है। इसके मुताबिक नजूल भूमि के पूर्ण स्वामित्व परिवर्तन के संबंध. पहले से कोर्ट या प्राधिकारी के समक्ष लंबित आवेदन अस्वीकृत समझे जाएंगे। इन भूमियों को फ्री होल्ड करने के लिए जमा धनराशि भारतीय स्टेट बैंक की ब्याज दर पर वापस किया जाएगा। पट्टा होने की दशा में यदि समय से पट्टा किराया (लीज रेंट) जमा किया जा रहा है और पट्टे की शर्त में किसी तरह का उल्लंघन नहीं किया गया है तो नजूल भूमि पट्टेदार से अभी वापस नहीं ली जाएगी।
पट्टे की अवधि समाप्त होने के बाद संबंधित भूमि सरकार लेगी। राज्य सरकार नजूल भूमि को संरक्षित करते हुए इन भूमियों को निजी व्यक्तियों या संस्थाओं के पक्ष में पूर्ण स्वामित्व के रूप में घोषित करने के बजाय इसका उपयोग केवल सर्वाजनिक उपयोगिता के लिए किया जाएगा। व्यापक जनहित, निजी व्यक्तियों या संस्थाओं को लाभ पहुंचाने से अधिक महत्वपूर्ण है। कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज सहित प्रदेश के कई शहरों में नजूल की भूमि है।
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