UP By election News: उत्तर प्रदेश में जल्द ही 10 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं. खाली हुई 10 सीटों में से पांच सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सपा के पास थीं. वहीं, फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर भाजपा के पास थीं. मीरापुर सीट भाजपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के पास थी.
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया है. इन सीटों पर मतदान की तारीखों को लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है. आयोग ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कुछ राज्यों में मानसून सक्रिय है. 46 विधान सभा और एक लोकसभा सीट है जहां चुनाव होने हैं. कुल 47 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. वायनाड में प्राकृतिक आपदा आई है. मौसम और परिस्थितियां अनुकूल होते ही समयानुसार मतदान करा दिया जाएगा. आयोग ने कहा कि छह महीनों की अवधि में ही चुनाव करा देंगे.
यूपी में इन 10 सीटों पर होना है उपचुनाव
खाली हुई 10 सीटों में से पांच सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सपा के पास थीं. वहीं, फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर भाजपा के पास थीं. मीरापुर सीट भाजपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के पास थी.
1- गाजियाबाद: भाजपा विधायक डॉ. अतुल गर्ग ने गाजियाबाद लोकसभा सीट जीती है.
2- मझवां: मंझवा से निषाद पार्टी के विधायक डॉ. विनोद कुमार बिंद ने भाजपा के टिकट से भदोही लोकसभा सीट जीती है.
3-मीरापुर: मीरापुर के रालोद के विधायक चंदन चौहान बिजनौर से सांसद बन गए हैं.
4- मिल्कीपुर: अयोध्या के मिल्कीपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक अवधेश प्रसाद फैजाबाद सीट से सांसद बने हैं.
5- करहल: करहल के विधायक और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव कन्नौज से लोकसभा चुनाव जीते हैं.
6- कटेहरी: कटेहरी से सपा विधायक लालजी वर्मा ने अंबेडकर नगर से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है.
7- कुंदरकी: कुंदरकी के विधायक जियाउर्रहमान बर्क ने संभल से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर ली है
8- फूलपुर: यहां के भाजपा विधायक प्रवीण पटेल ने फूलपुर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की है.
9- खैर: अलीगढ़ की खैर सीट से भाजपा विधायक और प्रदेश सरकार के मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि ने हाथरस लोकसभा सीट से चुनाव जीता है.
10 -सीसामऊ: सीट सपा के इरफान सोलंकी को आपराधिक मामले में जेल की सजा होने के बाद उनकी सदस्यता रद्द होने के कारण खाली हुई है.
ऐसी सीटें जहां बीजेपी के लिए आसान नहीं है राह
करहल- करहल से अखिलेश यादव विधायक थे, अब कन्नौज से सांसद हैं. अखिलेश यादव अपने भतीजे तेजप्रताप को लड़ाने की तैयारी में हैं.
मिल्कीपुर- अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा ऐसी सीट है, जहां 9 बार से अवधेश प्रसाद विधायक रहे हैं. और इस बार सांसद बने हैं. समाजवादी पार्टी उनके बेटे अजीत प्रसाद को चुनाव लड़ा सकती है और यह सीट बीजेपी के लिए मुश्किल सीटों में से एक हो सकती है.
सीसामऊ- कानपुर की सीसामऊ सीट समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी के सज़ायाफ्ता होने से खाली हुई है, यह समाजवादी पार्टी की मजबूत सीटों में से एक है, जहां इस बार सपा इरफान सोलंकी के परिवार से किसी को टिकट दे सकती है. वहीं, इरफान के साथ लोगों की सहानुभूति भी दिखाई देती है, ऐसे में यह सीट बीजेपी के लिए मुश्किल सीटों में से एक है.
कुनर्की- मुरादाबाद की कुंदरकी सीट संभल लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है, लेकिन मुस्लिम बहुल होने की वजह से यह सीट समाजवादी पार्टी की गढ़ मानी जाती है. जियाउर रहमान वर्क यहां से विधायक थे, जो इस बार संभल की सीट से सांसदी जीतकर आए हैं. ऐसे में 60 फीसदी मुस्लिम बाहुल्य वाली इस सीट पर भाजपा के लिए जीतना बेहद मुश्किल है.
कटहरी- कटहरी अंबेडकर नगर की सीट है, जहां से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक लालजी वर्मा विधायक थे और इस बार अंबेडकर नगर से सपा के सांसद बन गए. पिछले चुनाव में सपा में आने से पहले लालजी वर्मा बसपा के बड़े नेताओं में रह चुके हैं. अब लालजी वर्मा अपनी बेटी छाया वर्मा को यहां से चुनाव लड़ाना चाहते हैं और ये सीट भी बीजेपी के लिए मुश्किल सीटों में से एक है.
मीरापुर- मुजफ्फरनगर की मीरापुर जीतना भी बीजेपी के लिए आसान नहीं है. 2022 में आरएलडी, सपा गठबंधन ने यह सीट जीती थी, चंदन चौहान जो सपा और आरएलडी के गठबंधन में जीतकर विधायक बने थे, इस बार बीजेपी-आरएलडी गठबंधन से बिजनौर से सांसद हो गए हैं, लेकिन यह सीट मुस्लिम बहुल होने की वजह से बीजेपी के लिए आसान नहीं है.
फूलपुर- फूलपुर विधानसभा से 2022 में बीजेपी जीती थी, जहां से प्रवीण पटेल विधायक निर्वाचित हुए थे, लेकिन इस बार भाजपा ने प्रवीण पटेल को फूलपुर से सांसदी तो जिता ली, लेकिन प्रवीण पटेल फूलपुर की विधानसभा से हार गए.
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