कानपुर : सीएम योगी आदित्यनाथ गुरुवार को कानपुर में थे। यहां उन्होंने सुबह 725 करोड़ के प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। इसके बाद सीसामऊ सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर वहां के विधानसभा के मंडल अध्यक्ष, बूथ प्रभारी, सभी मोर्चों के अध्यक्षों और पार्षदों की मौजूदगी में सीधी बातचीत शुरू की। इस दौरान योगी ने कोई भाषण नहीं दिया। मंच से माइक संभालते हुए वह करीब 30 मिनट तक सीधे बातचीत करते रहे योगी ने रामपुर विधानसभा का उदाहरण देते हुए कहा- उस सीट पर 60 फीसदी मुस्लिम और 40 फीसदी हिंदू रहते हैं। सीसामऊ सीट में 60 फीसदी हिंदू और 40 फीसदी मुस्लिम आबादी है। इसके बावजूद हम यह सीट कई बार से हार रहे हैं। रामपुर में सरकार की योजनाओं से मुस्लिमों को जोड़ा और उन्होंने भाजपा को जिताया। योगी ने कहा कि बिना भेदभाव सरकार का योजनाओं का लाभ सभी को दिलाया जाए। मुख्यमंत्री ने पूछा कि जब सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में कुल 275 बूथ हैं, तो सिर्फ 175 बूथ कमेटियां ही क्यों बनाई गईं। बाकी क्यों नहीं। इस पर कहा गया कि बाकी मुस्लिम क्षेत्रों में हैं तो उन्होंने कहा कि अधूरी नहीं पूरी बूथ कमेटियों का गठन कर अल्पसंख्यकों से भी घर-घर जाकर बात करें। इस काम के लिए उन्होंने पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा को जिम्मेदारी दी।
उपचुनाव को लेकर सीएम योगी ने खुद संभाली कमान
सीसामऊ विधानसभा में उपचुनाव को लेकर सीएम योगी ने खुद कमान संभाली है। साल 2002 के बाद से भाजपा यह सीट नहीं जीत सकी है। मोदी लहर में भी भाजपा इस सीट पर हार गई थी। हालांकि भाजपा ने अभी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है। लेकिन, सपा इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी के नाम पर मुहर लगा चुकी है। 2012 के बाद से इस सीट पर 3 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। तीनों बार इरफान सोलंकी चुनाव जीते। इस सीट पर भाजपा हमेशा ही दूसरे नंबर पर रही। इरफान को सजा होने के बाद पहली बार उपचुनाव हो रहा है। इस सीट पर मुस्लिम निर्णायक है। ऐसे में भाजपा ने योजनाओं के बहाने पर मुस्लिमों को साधने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। वहीं भाजपा ने सीसामऊ जिताने की जिम्मेदारी अपने सबसे वरिष्ठ नेता और 9 बार से विधायक सुरेश खन्ना को सौंपी है। मौजूदा समय में वह सरकार में संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री हैं।
रामपुर उपचुनाव में बीजेपी ने कैसे आज़म ख़ान के क़िले में लगाई थी सेंध
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की रामपुर सदर विधानसभा सीट पर जीत हासिल कर समाजवादी पार्टी के एक अहम क़िले में सेंध लगा दी थी, बीजेपी के आकाश सक्सेना ने समाजवादी पार्टी के आसिफ़ राजा को हरा कर उस सीट पर बीजेपी का झंडा फहरा दिया था। जहां मुसलमानों की आबादी 60 फीसदी और हिंदुओ की आबादी 40 फीसदी है। बीते चार दशक के दौरान ज़्यादातर वक़्त इस सीट पर आज़म ख़ान के परिवार का कब्ज़ा था। “ये पहली बार था जब इस सीट पर कोई ग़ैर मुस्लिम उम्मीदवार जीता था। “बीजेपी ने चुनाव की घोषणा के बाद पसमांदा मुसलमानों के नाम से बड़ा सम्मेलन किया था चुनाव की घोषणा के साथ ही बीजेपी के मंत्रियों ने भी बड़ी संख्या में रामपुर में कैंपेन किया जिसमें सुरेश खन्ना, दानिश अंसारी समेत तमाम लोग शामिल हुए थे पसमांदा बिरादरी से आने वाले बीजेपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश अंसारी और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बासित अली समेत तमाम मुस्लिम नेताओं ने रामपुर में बीजेपी की जीत के लिए कैंपेन चला कर वोट भी मांगे थे रामपुर उपचुनाव में 33.94 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. कम वोटिंग के लिए सपा ने चुनाव में धांधली और पुलिस प्रशासन पर लोगों को वोट नहीं डालने देने जैसे आरोप लगाए थे समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने लखनऊ में चुनाव आयोग को शिकायत पत्र भी दिया. था समाजवादी पार्टी ने पुलिस प्रशासन पर वोटरों को डराने धमकाने के भी आरोप लगाए थे।
सीसामऊ उपचुनाव भाजपा के लिए बड़ा मौका
साल 2012 में इस विधानसभा क्षेत्र का नया परिसीमन हुआ। उसके बाद से यह सीट सपा के पास है उप चुनाव भाजपा के लिए बड़ा मौका है दरअसल सीसामऊ सीट 1991 से 2002 तक लगातार 3 बार भाजपा के पास ही रही थी। यहां से 3 बार राकेश सोनकर विधायक रहे। इसके बाद 2002 से 2012 तक कांग्रेस से संजीव दरियाबादी के पास रही। दोनों ही विधायक दलित चेहरे के रूप में यहां से जीत कर आए। भाजपा बीते चुनावों में ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा रही, लेकिन हार का मुंह देखना पड़ रहा है। इस मुस्लिम बाहुल्य सीट पर भाजपा को जीत दर्ज करने के लिए ब्राह्मणों और दलितों को एकजुट करना होगा और मुस्लिम वोटबैंक साधने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी।
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