यूपी में एक और एक्सप्रेसवे का काम जल्द पूरा होने वाला है. लखनऊ से कानपुर के बीच अवध एक्सप्रेसवे बनने के बाद दोनों शहरों की दूरी न के बराबर रह जाएगी. 42 गांवों से गुजरते हुए लोग 45 मिनट में कानपुर से लखनऊ पहुंच जाएंगे.
एनएच 25 के बराबर
लखनऊ से आगरा तक अवध एक्सप्रेसवे एनएच 25 के समानांतर करीब साढे तीन किलोमीटर की दूरी तक चलेगा. लखनऊ में यह एक्सप्रेसवे शहीद पथ से शुरू होगा, जो बंथरा, बनी, दतौली और कांथा के रास्ते होते हुए कानपुर तक पहुंचेगा.
कितने गांवों से गुजरेगा
लखनऊ-कानपुर अवध एक्सप्रेसवे में लखनऊ जिले के कुल 11 गांव पड़ेंगे. वहीं, उन्नाव जिले के सबसे ज्यादा 31 गांव पड़ेंगे.
उन्नाव में ये गांव
उन्नाव में यह एक्सप्रेसवे बजेहरा, हिमौरा, हसनापुर, सहारवन, काशीपुर, भीखामऊ, सरिया, बछौरा, कुदिरकापुर, रायपुर, पाठकपुर से गुजरेगा.
कितना खर्च आएगा
लखनऊ-कानपुर अवध एक्सप्रेस बनने में करीब 4700 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. यह करीब 93 किलोमीटर लंबा होगा.
13 किलोमीटर एलिवेटेड रोड
लखनऊ में अमौसी से बनी गांव तक करीब 13 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड होगा. ताकि नीचे सड़कों पर जाम न लग सके.
तीन बड़े पुल बनेंगे
93 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे पर करीब तीन बड़े पुल भी बनाए जाएंगे. साथ ही 28 छोटे पुल बनाए जा रहे हैं.
6 लेन का होगा एक्सप्रेसवे
इसके अलावा 38 अंडरपास और 6 फ्लाईओवर भी बनाए जा रहे हैं. शुरुआत में यह 6 लेन का होगा. जरूरत पड़ने पर इसे बढ़ाने का भी प्लान है.
थ्रीडी आटोमेटेड मशीन गाइडेंस का इस्तेमाल
इस एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए एनएचएआई राजमार्ग विकास के लिए थ्रीडी आटोमेटेड मशीन गाइडेंस मॉड्यूल का इस्तेमाल करेगा.
दोगुनी गति से होगा निर्माण
यूपी में पहली बार इस तकनीक का इस्तेमाल कर एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है. इससे निर्माण की गति दोगुनी हो जाती है.
मोबाइल पर देख सकेंगे निर्माण रिपोर्ट
खास बात यह है कि इस तकनीक से एनएचएआई के अफसर निर्माण की रिपोर्ट अपने मोबाइल फोन पर भी देख सकेंगे.
45 मिनट का सफर
अभी लखनऊ से कानपुर पहुंचने में करीब एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है. योगी सरकार इसे घटाकर 45 मिनट कर देगी.
गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा
उन्नाव में अवध एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से भी जोड़ने की योजना है. ताकि लोगों को प्रयागराज और मेरठ पहुंचने में भी आसानी होगी.
आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा
अवध एक्सप्रेसवे बन जाने के बाद लखनऊ से कानपुर के बीच आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा. व्यापारियों को सबसे ज्यादा लाभ होगा।
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