फर्जी दारोगा बन जी रहा था आलीशान जिंदगी, थाने पहुंचा तो असली पुलिस भी रह गई सन्न; बस एक गलती और खुल गई पोल
कानपुर पुलिस ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है जो दारोगा बनकर लोगों को ठग रहा था। आरोपी के पास से पुलिस की वर्दी आइकार्ड और रबर स्टांप बरामद हुए हैं। उसने एक ज्वैलर्स के यहां से भी जेवर लेकर आ गया था लेकिन पेमेंट नहीं कर रहा था। पुलिस उससे अन्य मामलों को लेकर भी पूछताछ कर रही है।
कानपुर। दारोगा बनकर लोगों को ठगने वाले युवक को कल्याणपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। फर्जी दारोगा का पर्दाफाश पिछले दिनों एक मुकदमे में जांच के दौरान हुआ था। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है। आरोपित के पास से पुलिस की वर्दी, आइ कार्ड, रबर स्टांप बरामद हुए हैं।
प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि आरोपित संजीव वर्दी की रौब में ठगी का काम करता था। एक ज्वैलर्स के यहां से भी जेवर लेकर आ गया था, मगर पेमेंट नहीं कर रहा था। अन्य मामलों को लेकर उससे पूछताछ की जा रही है।
राजकीय उन्नयन बस्ती निवासी चंद्रेश्वर सिंह के मुताबिक उनके दामाद सागर ने संजीव यादव नाम के एक युवक से मुलाकात कराई। बताया कि संजीव एसीपी कार्यालय में दारोगा हैं और गूबा गार्डन में रहते हैं। संजीव अपनी पत्नी नेहा के नाम जमीन की रजिस्ट्री कराना चाहते हैं लेकिन अभी इनके पास पैसे कम हैं।
दामाद के कहने पर उन्होंने 26 सितंबर 2023 के बाद तीन दिनों में पांच-पांच लाख करके 15 लाख रुपये दे दिए। जब पैसा वापस करने का नंबर आया तो संजीव ने एक चेक दी, जो बाउंस हो गई। बाद में पता चला कि संजीव ने जो चेक दी है, वह उसके साले हर्ष यादव की है। इस पर उन्होंने पुलिस से संपर्क किया और 15 सितंबर को कल्याणपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
पुलिस को भी भरमाया, बोला- कन्नौज में एसपी कार्यायल में है तैनाती
कल्याणपुर थाना प्रभारी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद संजीव को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया तो उसने बताया कि वह कन्नौज में एसपी कार्यालय में दारोगा है और मूलरूप से फर्रुखाबाद के थाना मोहम्मदाबाद के गांव रठौरा नगला का रहने वाला है।
पूछताछ के बाद पुलिस ने संजीव को जाने दिया लेकिन जब जांच की तो कन्नौज से पता चला कि इस नाम का कोई दारोगा उनके यहां नहीं है। मंगलवार को पुलिस ने सीटीएस बस्ती के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया।
कार और घर से वर्दी व स्टांप के साथ फर्जी आइकार्ड बरामद
पुलिस को उसकी कार के अंदर से पुलिस की वर्दी, पीकैप व वर्दी के सामान के साथ उप निरीक्षक का फर्जी आइ कार्ड भी मिला। बाद में घर में तलाशी के दौरान पुलिस को तीन जोड़ी वर्दी, तीन पीकैप ताज लगी कवर के साथ, एक बैरट कैप ताज लगी, पांच बेल्ट, 12 जोड़ी स्टार, पुलिस के मोनोग्राम, दो होलिस्टर, लाल जूता, रबर स्टांप, दो आइ कार्ड, चार कैंटीन कार्ड, एक डायरी मय एफआइआर, ड्राइविंग लाइसेंस वर्दी में फोटो लगा और एक आइ कार्ड आइएएएस लबासना एकेडमी मंसूरी का मिला।
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