उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां कानपुर आईआईटी की छात्रा प्रगति ने फंदे से लटककर जान दे दी है। इस घटना से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। मृतक छात्रा के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। पुलिस मामले की जांच करने में जुट गई है।
कानपुर। आईआईटी कानपुर की पीएचडी छात्रा प्रगति खायरा ने गुरुवार सुबह हास्टल के कमरे में नायलान की रस्सी का फंदा बना लटककर जान दे दी। उसके फोन नहीं उठाने पर साथी छात्राओं ने हास्टल प्रबंधन को जानकारी दी।
पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव उतारा और फारेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए। छात्रा के कमरे से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें आत्महत्या के लिए खुद को जिम्मेदार बताया है। बीते एक साल के भीतर आईआइटी में आत्महत्या की ये चौथी घटना है।
मूलरूप से उरई निवासी गोविंद खायरा चकेरी में परिवार के साथ रहते हैं। वह शहर के एक ज्वैलरी शोरूम में स्टाफ मैनेजर हैं। गोविंद ने बताया कि बेटी कानपुर आईआईटी के हास्टल में रहकर पृथ्वी विज्ञान से पीएचडी कर रही थी और अंतिम वर्ष की छात्रा थी।
गुरुवार दोपहर 12 बजे के बाद आईआईटी प्रबंधन के बुलाने पर वह पहुंचे, तब जानकारी हुई कि गुरुवार सुबह बेटी लेक्चर लेने नहीं पहुंची। पुलिस ने हास्टल के कमरे का दरवाजा तोड़ा। अंदर बेटी का शव रस्सी के सहारे पंखे से लटकता हुआ मिला।
अपर पुलिस उपायुक्त पश्चिम विजेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि आत्महत्या का कारण नहीं पता चला है। छात्रा का मोबाइल कब्जे में लेकर जांच की जा रही है। छात्रा ने सुसाइड नोट में किसी को भी दोषी नहीं ठहराया है। स्वजन से तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
आईआईटी के कार्यवाहक निदेशक अमलेंदु चंद्रा की ओर से जारी विज्ञप्ति में घटना को कष्टकारी बताते हुए पुलिस को जांच में पूरी मदद की जाएगी।
वर्षभर में चौथी आत्महत्या से शैक्षिक माहौल पर उठे सवाल
आईआईटी में छात्रा प्रगति की आत्महत्या ने संस्थान के शैक्षिक माहौल को सवालों के घेरे में ला दिया। वर्ष भर में यह चौथी आत्महत्या है। आईआईटी में पिछले साल 19 दिसंबर को 34 वर्षीय शोधकर्ता पल्लवी चिल्का ने छात्रावास के कमरे में छत के पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी।
11 जनवरी को 31 वर्षीय एमटेक द्वितीय वर्ष के छात्र विकास कुमार मीणा और 18 जनवरी को केमिकल इंजीनियरिंग की पीएचडी छात्रा प्रियंका जायसवाल ने आत्महत्या कर ली थी। विकास की आत्महत्या में उसके फेल होने का मामला सामने आया था। पिछले वर्ष दिसंबर और जनवरी के दौरान तीन मामलों के बाद आईआईटी ने मनोविज्ञान परामर्श व्यवस्था को दुरुस्त करने का दावा किया है। परामर्श केंद्र में मनोविज्ञानियों की संख्या बढ़ाकर नौ की जा चुकी है।
पिता नामी ज्वैलर्स के यहां मैनेजर
प्रगति चकेरी सनिगवां निवासी गोविंद गुप्ता की बेटी है. वो लाला पुरुषोत्तम दास ज्वैलर्स में स्टॉक मैनेजर हैं. यह कानपुर का मशहूर ज्वैलरी शॉप है.उनकी बेटी प्रगति IIT से पीएचडी में फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रही थी. गोविंद गुप्ता का कहना है कि प्रगति तीन भाइयों के बीच इकलौती बहन थी. परिवार में आर्थिक तंगी जैसी कोई बात नहीं है. उसका एक भाई एचडीएफसी बैंक में नौकरी करता है. दूसरा शिवम एनटीपीसी में इंजीनियर और तीसरा इन्फोसिस में इंजीनियर की जॉब कर रहा है. होनहार बेटी ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया, ये सबकी समझ से परे है.उसके भाइयों का भी कहना है कि प्रगति ने कभी कोई परेशानी वाली बात नहीं बताई थी।
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