स्नेह का तिलक लगाकर बहनों ने की कामना,जुग जुग जीये मेरा भइया…

◆भैया दूज पर बहनों ने भाइयों के लिए की दीर्घायु व आरोग्य की कामना.. ◆भाइयों ने भी अपनी बहनों को...

कानपुर : बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ने जिला जज को सौपा ज्ञापन।

वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश चंद्र त्रिपाठी कानपुर : बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नरेश चन्द्र त्रिपाठी ने...

कानपुर : भाजपा नेता बोले बेबुनियाद आरोप लगाकर FIR कराने वाले के खिलाफ करेंगे मानहानी का दावा।

भाजपा नेता वीरेंद्र दुबे कानपुर शहर की राजनीति के कद्दावर भाजपा नेता वीरेन्द्र दुबे (एडवोकेट...

कानपुर : अवध स्मृति संस्थान द्वारा सांसद “रमेश अवस्थी” का जन्मदिन “सेवा दिवस” के रूप में मनाया।

कानपुर : अवध स्मृति संस्थान द्वारा कानपुर के सांसद रमेश अवस्थी जी का जन्मदिन सेवा दिवस के रूप में...

कानपुर : नगर आयुक्त की चेतावनी के बाद भी नहीं सुधर रहे जिम्मेदार, पॉश इलाके में लगे गंदगी का अंबार।

विज्ञापन कानपुर : नगर आयुक्त सुधीर कुमार द्वारा शहर वासियों की समस्याओं को लेकर सख्ती के बावजूद...

कानपुर के कद्दावर भाजपा नेता और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा।

विज्ञापन कानपुर शहर की राजनीति के कद्दावर भाजपा नेता वीरेन्द्र दुबे और उनके परिवार के खिलाफ जमीन...

गुटखे में मिलाकर MD ड्रग युवा हो रहे नशे में मदहोश : जानिए कैसे युवा जिंदगी कर रहे बर्बाद।

रेव-पूल पार्टी से डेली लाइफ में घुसी, हर जगह पैडलरसूंघकर, पानी में मिलाकर और दिग्भ्रमित कर आभासी...

रिमझिम इस्पात में IT की रेड : 10 लॉकरों में 3 करोड़ नगद और करोड़ों के हीरे-सोने के गहने मिले,माली-चौकीदार के नाम से बनाईं 15 बोगस फर्म।

विज्ञापन रिमझिम इस्पात समूह हिसाब-किताब की बड़ी गड़बड़ी में फंसता नजर आ रहा है। आयकर विभाग की दो...

बस इतना सा ख्वाब में देखने को मिलेगी कानपुर की झलक…

-राजश्री ठाकुर और योगेंद्र विक्रम सिंह नए शो ‘बस इतना सा ख्वाब’ का प्रमोशन करने शहर आए कानपुर। नये...

UPtvLiVE : रिमझिम इस्पात के 30 से ज्यादा प्रतिष्ठानों पर Income tax की रेड, कानपुर, उन्नाव, हमीरपुर में भी बड़ी कार्रवाई।

नोएडा, गाजियाबाद, पीलीभीत में भी टीम ने जांच की है। शुरुआती जांच में बड़े पैमाने पर कर चोरी के...

Big News : रिमझिम इस्पात के कई ठिकानों पर IT की रेड…

विज्ञापन कानपुर के मशहूर रिमझिम इस्पात फर्म के कानपुर, हमीरपुर व उन्नाव में एक दर्जन से अधिक...
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यूपी उपचुनाव में मतदान घट गया। हार-जीत के गणित में राजनीतिक पंडित भी उलझे हैं। शहर के तीसरे उप चुनाव में साल 2022 की तुलना में मतदान आठ फीसदी कम हुआ। कई केंद्रों पर ध्रुवीकरण साफ दिखा।

कानपुर की सीसामऊ सीट चौथी बार सपा के कब्जे में रहेगी या यहां भाजपा का कमल खिलेगा, बसपा के हाथी का पैर हिलता भी है या नहीं, यह तस्वीर 23 नवंबर को नतीजे आने के बाद ही साफ होगी। हालांकि 2022 की तुलना में इस बार आठ फीसदी घटे मतदान ने राजनीतिक पंडितों की गणित उलझा दी है।

राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत के दावे भले ही करें, लेकिन आश्वस्त कोई भी नहीं है। भाजपा की मोदी-योगी लहर के बावजूद 2017 के मतदान से पहले ही चुनावी पंडितों ने सीसामऊ सीट सपा की झोली में जाने की भविष्यवाणी कर दी थी। यह सही भी साबित हुई थी।

सपा ने 5,826 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। वर्ष 2022 के पिछले चुनाव में योगी सरकार की वापसी पर दांव लगाने वाले धुरंधर चुनावी विशेषज्ञ भी इस सीट पर साइकिल ही दौड़ने का दावा कर रहे थे, जो एक बार फिर सच भी साबित हुआ।

इरफान ने 12,266 वोटों से इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाई थी। आगजनी मामले में सजा सुनाए जाने से इरफान की विधायकी गई तो भाजपा की बांछें खिल गईं। इस बार माहौल और समीकरण बदला था।
भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी की जीत की खातिर हिंदू मतों का ध्रुवीकरण रोकने के लिए बंटेंगे तो कटेंगे का नारा हो या ससुर मरहूम हाजी मुश्ताक का काम और पति इरफान के प्रति जनता की सहानुभूति बटोरने की आस में बह रहे नसीम सोलंकी के आंसू, दोनों ही खूब चर्चित रहे।
मुस्लिम इलाकों में लंबी लाइन लगी
चुनाव को ऐसे भी समझा जा सकता है कि हिंदू बहुल इलाकों में जहां सपा के बस्ते खाली दिखे, वहीं, मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भाजपा के बस्तों की स्थिति कमोबेश यही रही। भाजपा के कुछ समर्थक दोपहर में बाइक से घूम कर लोगों को समझा रहे थे कि मुस्लिम इलाकों में लंबी लाइन लगी है ऐसे में आप लोग भी घरों से निकलें।

‘पुलिस मतदान की पर्ची देखने के बाद लोगों को टरकाती रही’
सपा समर्थक पुलिस पर मतदान को प्रभावित करने का आरोप लगाते रहे। सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने भी कहा कि पुलिस मतदान की पर्ची देखने के बाद लोगों को टरकाती रही। राजनीतिक हाशिये पर सिमटती जा रही बसपा ने सवर्ण जाति के नए चेहरे पर दांव लगाया।
‘भाजपा समर्थक भी उलझन में’
यही वजह है कि इस बार चुनावी विशेषज्ञ किंतु-परंतु में उलझे नजर आ रहे हैं। जीत के दावे तो सभी कर रहे हैं, लेकिन करीब आठ फीसदी मतदान कम होने से जहां सपा समर्थकों में कुछ मायूसी है, वहीं मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में हुए मतदान को एकतरफा मानकर भाजपा समर्थक भी उलझन में हैं।


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