रिमझिम इस्पात समूह हिसाब-किताब की बड़ी गड़बड़ी में फंसता नजर आ रहा है। आयकर विभाग की दो दिन की जांच में पता चला है कि माली, चौकीदार और खाना बनाने वाले के नाम से 15 बोगस फर्में खोलीं गई हैं। इनसे करोड़ों रुपयों का लेनदेन का अंदेशा है।
देश की दिग्गज इस्पात और स्टेनलेस स्टील निर्माता रिमझिम इस्पात समूह पर आयकर विभाग की कार्रवाई शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रही। सूत्रों का कहना है कि दो दिन की जांच में पता चला है कि माली, चौकीदार और खाना बनाने वाले के नाम से 15 बोगस फर्में खोलकर करोड़ों रुपयों का लेनदेन किया गया है।
वहीं, 10 लॉकरों में करोड़ों के सोने-हीरे के गहने और तीन करोड़ नकद मिलने का दावा किया जा रहा है। लॉकरों को सील कर दिया गया है, जबकि नकदी को जब्त कर लिया गया है। वहीं, जौनपुर जिले में लगाए गए प्लांट में अरबों रुपयों के निवेश का ब्योरा भी नहीं मिलने की बात कही जा रही है।
आयकर विभाग के 250 से ज्यादा अधिकारी बृहस्पतिवार की सुबह से रिमझिम इस्पात समूह के सात राज्यों में स्थित 50 से ज्यादा प्रतिष्ठानों, कंपनी से जुड़े डीलरों और कारोबारियों के यहां जांच-पड़ताल कर रहे हैं।
शुक्रवार शाम तक की जांच में कई गड़बड़ियां मिलने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि आयकर की कानपुर रीजन की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। अब तक सात राज्यों को एक साथ नहीं कवर किया गया है। यह कार्रवाई कई दिनों तक चलने के आसार हैं।
आयकर विभाग के अफसरों की अलग-अलग टीमों ने बृहस्पतिवार को कंपनी के मालिक योगेश अग्रवाल के कानपुर स्थित आवास, कॉरपोरेट कार्यालय, उन्नाव व हमीरपुर की फैक्टरियों पर छापा मारा था।
कानपुर में अलग-अलग 25 स्थानों पर जांच चल रही है। इसके अलावा कंपनी से जुड़े लोगों, वित्तीय सलाहकार, डीलरों के उप्र, दिल्ली, प. बंगाल, हैदराबाद, कर्नाटक, हरियाणा, ओडिसा के 25 से ज्यादा प्रतिष्ठानों में भी जांच की जा रही है। इस मामले में कंपनी मालिक योगेश अग्रवाल से मोबाइल पर बात करने का प्रयास किया गया, पर उनका नंबर स्विच ऑफ था।
उन्नाव-हमीरपुर में लगी ट्रकों की लंबी लाइन
उन्नाव और हमीरपुर जिले में आयकर विभाग की कार्रवाई की वजह से कंपनी की फैक्टरियों में उत्पादन ठप हो गया है। इस कारण माल लेकर जाने-आने वाले ट्रकों की लंबी लाइनें फैक्टरियों के बाहर लग गई हैं।
कम कारोबार दिखाया जा रहा था एक नंबर में
सूत्रों के अनुसार, योगेश अग्रवाल के तिलकनगर स्थित आवास से काफी नकदी मिली है। अलग-अलग बैंकों के लॉकर भी मिले हैं, जिन्हें सील कर दिया गया है। कंपनी का कारोवार कच्चे पर्चे पर ज्यादा किया जा रहा था। सूत्रों के अनुसार, कम कारोबार ही एक नंबर में दिखाया जा रहा था। छह साल के रिटर्न, बैलेंसशीट, टर्नओवर के आकलन और बोगस फर्मों के जरिए मिली गड़बड़ी के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
हमीरपुर में कंपनी का वरिष्ठ प्रबंधक भूमिगत
रिमझिम इस्पात लिमिटेड एवं जूही एलाय में आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान कंपनी का एक वरिष्ठ प्रबंधक भूमिगत हो गया है। रात में उसकी फैक्टरी के अंदर व बाहर तलाश की गई, लेकिन हाथ नहीं लगा। यही वरिष्ठ प्रबंधक रिमझिम इस्पात का मुख्य संचालक है और कंपनी के शेयरों में कुछ प्रतिशत का हिस्सेदार भी बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि मुख्य संचालक के गिरफ्त में आने के बाद कई और राज सामने आ सकते हैं। दोनों कंपनियों के छह मैनेजर आयकर विभाग की टीम की गिरफ्त में हैं। आयकर की टीमें इन्हें अलग-अलग कमरों में बैठाकर पूछताछ कर रही हैं।
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