
कानपुर में हुए उपद्रव में आरोपी रहा हाजी वसी को कमिश्नरेट पुलिस ने 6 माह के लिए जिला बदर किया है। ये वही हाजी वसी है जिसने उपद्रव की आड़ में हिंदुओं से चंद्रेश्वर हाता खाली कराने के लिए एक करोड़ में सौदा किया था। इसके साथ ही उसकी कई अवैध बिल्डिंगों को सील कर दिया गया था। इसके साथ ही उसपर गैंगस्टर और रासुका की कार्यवाही की गई थी।
तीन जून 2022 को नई सड़क व दादा मियां हाता के पास जुमे की नमाज के बाद उपद्रव हुआ था। बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा और बिल्डर हाजी वसी ने क्षेत्र में हिंदुओं के एकमात्र चंद्रेश्वर हाता खाली कराने के लिए एक करोड़ में सौदा किया था। इसे लेकर भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी को आधार बनाकर बाजार बंदी की घोषणा की गई थी। बाजार बंदी के विरोध को लेकर शुरू हुआ विवाद देखते ही देखते उपद्रव में बदल गया। बवालियों ने पुलिस पर पथराव, फायरिंग और बमबाजी की। मामले में पुलिस ने मुकदमे दर्ज करके बाजार बंदी की अपील करने वाले और मुख्य साजिशकर्ता हयात जफर हाश्मी, जावेद अहमद, बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट के मालिक मुख्तार बाबा, बिल्डर हाजी वसी समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मामले की छानबीन में एसआइटी के सामने आया था कि हयात के साथ बिल्डर हाजी वसी के साथ 1.30 करोड़ रुपये संपत्तियों को बेचकर धनराशि जुटाई थी।
वसी ने खड़ा किया अरबों का साम्राज्य
बिल्डर हाजी वसी ने प्रापर्टी डीलिंग की मदद से दो दशक के अंदर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में अरबों का साम्राज्य खड़ा कर दिया। विवादित संपत्तियों के अलावा शत्रु संपत्तियों की खरीद-फरोख्त भी हाजी वसी ने किया। यही नहीं आरोप हैं कि जमीन के विवाद में वसी ने कई हत्याएं भी कराईं। ऐसा एक पत्र नई सड़क उपद्रव के बाद प्रचलित भी हुआ था।
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