
कानपुर : अंजली विश्वकर्मा विदेश में एक ऑयल कंपनी में काम करती थीं, जहां उनकी सैलरी लाखों रुपये थी। काम के सिलसिले में उनका नॉर्वे, मलेशिया, सिंगापुर, हांगकांग, न्यूजीलैंड जैसे कई देशों में आना-जाना लगा रहता था। लेकिन उनका मन हमेशा हिंदुस्तान से ही जुड़ा रहा। जिसके बाद उन्होंने ये फैसला लिया कि वह भारत वापस लौटेंगी और यूपीएससी की तैयारी करेंगी। आज अंजली विश्वकर्मा 2021 बैच की आईपीएस हैं और वर्तमान में वो एसीपी बाबूपुरवा के पद पर पुलिस कमिश्नरेट कानपुर नगर की जिम्मेदारी निभा रही है। गुरुवार को शासन द्वारा 2021 बैच के 19 आईपीएस अफसरों के प्रमोशन की सूची जारी की गई जिसमें सभी को सीनियर टाइम स्केल मिल गया है। आइए जानते हैं आईपीएस अंजली विश्वकर्मा की सफलता से जुड़ी कहानी।

भारत में लंबे समय से ‘ब्रेन ड्रेन’ के विषय पर चर्चा होती रहती है। अक्सर कहा जाता है कि युवा यहां से पढ़ाई करके विदेशों में चले जाते हैं. लेकिन कई ऐसे युवा भी हैं, जो विदेशों में लाखों रुपए की नौकरी छोड़कर देश की सेवा करने के लिए लौट आते हैं। उनमें से ही एक हैं अंजली विश्वकर्मा। उत्तर प्रदेश के कानपुर में जन्मी अंजली ने बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई देहरादून में की थी। इसके बाद वह आईआईटी कानपुर में बीटेक करने चली गई. उन्होंने एरोस्पेस इंजीनियरिंग को चुना और पढ़ाई पूरी करने के साथ ही उन्हें एक ऑयल कंपनी में नौकरी मिल गई। ऑयल कंपनी में नौकरी के दौरान उनकी सैलरी 4 से 5 लाख रुपए प्रति माह थी। जहां उनकी ट्रेनिंग यूएई ही में हुई. इसके बाद वह नॉर्वे मलेशिया, सिंगापुर, हांगकांग, न्यूजीलैंड जैसे देशों में काम के सिलसिले में आती-जाती रहीं. देश- दुनिया घूमने के बाद भी उनका मन हिंदुस्तान से ही जुड़ा रहा।

न्यूजीलैंड में नौकरी के दौरान ही उन्होंने ये तय किया कि वह भारत वापस लौटेंगी और यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करेंगी। साथ ही ये भी तय किया कि तैयारी के दौरान होने वाले अपने खर्चे की जिम्मेदारी भी वह खुद ही उठाएंगी। फिर जब अपनी यूपीएससी की तैयारी के लिए पूरे पैसे जोड़ लिए तो उन्होंने पढ़ाई शुरू कर दी। वापस आकर उन्होंने तैयारी शुरू की और भूगोल (geography) को अपने सब्जेक्ट के रूप में चुना। पहला प्रयास उन्होंने 2019 में दिया लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। 2020 में उन्होंने दोबारा प्रयास किया और इस बार आईपीएल और इंडियन फॉरेस्ट सर्विस दोनों के लिए उनका चयन हो गया। लेकिन, उन्होंने आईपीएस को चुना। उन्हें हमेशा से पढ़ने का और कुछ नया सीखने का शौक रहा है। जिस काम को भी वह करना शुरू करती हैं, उसमें बिलकुल पारंगत होना चाहती हैं. यूपीएससी की परीक्षा उन्होंने दी और चयन होने के बाद अब वह अपनी नौकरी से संतुष्ट हैं। अंजली बताती हैं कि उन्हें हमेशा से पढ़ने का और कुछ नया सीखने का शौक रहा है। जिस काम को भी वह करना शुरू करती हैं, उसमें बिलकुल पारंगत होना चाहती हैं। यूपीएससी की परीक्षा उन्होंने दी और चयन होने के बाद अब वह अपनी नौकरी से संतुष्ट हैं। वह कहती हैं कि उन्हें जीवन में विविधता और चैलेंज बहुत ज्यादा पसंद है बतौर आईपीएस भी जो चैलेंज हैं, उनका सामना भी वह पूरी हिम्मत से करती हैं।

अंजली ने बताया कि उनका कोई खास रोल मॉडल नहीं था। उनके दोस्त भी साथ में तैयारी कर रहे थे। उनसे ही उन्हें प्रेरणा मिलती रही। आज वह जो काम कर रही हैं, उससे वह जनता की मदद कर सकती हैं उन्होंने कॉलेज में ही यह तय कर लिया था कि उन्हें डेस्क जॉब नहीं करनी है। वह बचपन से ही खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती रहती थीं। पढ़ाई के साथ अन्य एक्टिविटीज में भी वह बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थी। इस वजह से आईपीएस बनकर भी वह कई प्रकार के काम करती हैं। अलग-अलग तरह की समस्याएं और उनका समाधान खोजना उन्हें अच्छा लगता है। जो युवा यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं। उन्हें लक्ष्य निर्धारित करके उसी दिशा में काम करना चाहिए। सोशल मीडिया और किताबों के बीच में बैलेंस बनाना जरूरी है। अपनी प्राथमिकताएं आपको खुद तय करनी होंगी।
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