मैथिलीशरण गुप्त: हिंदी और हिंदुस्तान को आजीवन समर्पित रही जिनकी कलम।

अभय त्रिपाठी :–हिंदी साहित्य के इतिहास में बेहद ख़ास दिन। 03 अगस्त सन् 1886 जिस दिन झांसी के...

कानपुर : इंटररेंज-9 गैंग में पुलिस ने 5 नाम बढ़ाए, उत्पीड़न के खिलाफ अधिवक्ता देंगे धरना।

पहले 21 सदस्यों का घोषित हुआ था इंटररेंज गैंग, इनमें 17 वकील। दीनू गैंग में दो भाजपा नेता समेत...

प्रयागराज : पत्रकार की चाकुओं से गोदकर की निर्मम हत्या, पुलिस ने आरोपी का किया हाफ एनकाउंटर।

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के सिविल लाइंस इलाके में बीती रात पत्रकार एलएन सिंह की...

लखनऊ-वाराणसी हाईवे 9500 करोड़ से बनेगा 6 लेन। राजधानी से काशी पहुँचगे सिर्फ 3 घँटे में।

लखनऊ : पूर्वांचल के यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार मिलकर...

Kanpur Metro : गणतंत्र दिवस तक नौबस्ता तक शुरू होगा सफर, लाखों लोगों की यात्रा होगी आसान।

कानपुर। वर्ष 2019 से मेट्रो के पहले कारिडोर पर काम कर रहे प्रबंधन ने अब अंतिम 100 दिन का ब्लू...

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लखनऊ : कारोबारी की पत्नी की संदिग्ध मौत : ससुरालवालों पर FIR; मां ने लगाए गम्भीर आरोप।

लखनऊ में कारोबारी की पत्नी की मौत मामले में ससुरालवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। दरअसल,...

कानपुर : पीबी सोसाइटी ज्वैलर्स के निदेशक से 1.09 करोड़ की साइबर ठगी, पुलिस कमिश्नर के आदेश पर साइबर थाने में एफआईआर दर्ज।

कानपुर के बिरहाना रोड स्थित पीबी सोसायटी ज्वैलस के निदेशक प्रशांत जैन के अकाउंट से शातिर ठगों ने...

KANPUR : भूमाफिया से यारी- SHO रावतपुर पर भारी, DCP ने किया सस्पेंड।

कानपुर: भूमाफिया गजेंद्र सिंह नेगी से यारी और उसे बचाना रावतपुर थाना प्रभारी कृष्णकुमार मिश्रा को...

कानपुर : जर्नलिस्ट क्लब में मनाया गया प्रताप नारायण मिश्र का 170 वाँ जन्म दिवस।

कानपुर : पं. प्रताप नारायण मिश्र स्मारक ट्रस्ट समिति के तत्वाधान में अखिल भारतीय कान्यकुब्ज...
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शामली : उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एनकाउंटर के दौरान एक लाख के इनामी बदमाश को ठोक दिया। यूपी के STF चीफ़ अमिताभ यस ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान पुलिस की गोली लगने से मुस्तफा कग्गा गैंग के 1 लाख के इनामी बदमाश अरशद समेत 4 बदमाशों की मौत हो गयी है।

बीती रात मध्य रात्रि में जनपद शामली के झिंझाना थाना क्षेत्र में उत्तर प्रदेश एसटीएफ (मेरठ टीम) और कुख्यात मुस्तफा कग्गा गैंग के सदस्यों के बीच हुई मुठभेड़ में गैंग का प्रमुख सदस्य अरशद समेत चार अपराधी मारे गए। मुठभेड़ में अरशद के साथ मंजीत, सतीश और एक अज्ञात साथी भी शामिल थे। अरशद पर ₹1 लाख का इनाम घोषित था और वह सहारनपुर के बेहट थाने में दर्ज डकैती के एक मामले में वांछित था।

अरशद पुत्र जमील, निवासी बड़ी माजरा, थाना गंगोह, सहारनपुर, पर डकैती, हत्या और लूट जैसे संगीन अपराधों के करीब 17 मामले दर्ज थे। वह लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। सहारनपुर और आस-पास के जिलों में उसकी सक्रियता ने पुलिस को चुनौती दी थी। उसके खिलाफ सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर और हरियाणा के पनपत में विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज थे, जिनमें 302 (हत्या), 395 (डकैती), 397 (आर्म्ड डकैती), और गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर अपराध शामिल थे।

एसटीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि अरशद अपने साथियों के साथ झिंझाना थाना क्षेत्र से गुजरने वाला है। पुलिस ने घेराबंदी की और उन्हें रोकने की कोशिश की। अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी मोर्चा संभाला। करीब आधे घंटे तक चली इस मुठभेड़ में अरशद और उसके तीन साथी घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर सुनील को कई गोलियां लगीं। उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें पहले करनाल के अमृतधारा अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बाद में बेहतर इलाज के लिए गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल रेफर कर दिया गया।

अरशद पर सहारनपुर, शामली और अन्य जिलों में 17 से अधिक संगीन मुकदमे दर्ज थे। अरशद का नाम कई जिलों के अपराध रिकॉर्ड में सबसे ऊपर था।अरशद की मौत के साथ ही मुस्तफा कग्गा गैंग को एक बड़ा झटका लगा है। पुलिस अब अन्य वांछित अपराधियों की तलाश में जुट गई है।

जब दहशत में थानों में लग जाते थे ताले

वर्ष 2011 में सहारनपुर जिले के बाड़ी माजरा गांव निवासी मुस्तफा उर्फ कग्गा का जरायम की दुनिया में एकछत्र राज था। झिझाना के बिडोली चौकी पर मुस्तफा ने एक सिपाही की गोलियों से भून कर हत्या कर दी थी। इसके बाद सहारनपुर जिले की पुलिस ने मुस्तफा को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। इसके बाद मुकीम काला ने गैंग की कमान संभाली थी। कग्गा की मुजफ्फरनगर जिले में इस कदर दहशत थी कि उसके नाम से व्यापारी से लेकर खाकी तक कांपती थी। उस वक्त कग्गा के खौफ से मुजफ्फरनगर जिले के देहात क्षेत्र के अधिकांश थानों में रात के समय गेट पर ताले लगा दिए जाते थे।


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