उन्नाव। नाम, पता बदल और आपराधिक मुकदमे छिपाकर पासपोर्ट बनवाने के मामले में गुंडा एक्ट की कार्रवाई और पांच हजार का इनाम घोषित होते ही फरार होने वाले अंशू गुप्ता उर्फ काना ने शनिवार को CJM कोर्ट में सरेंडर कर दिया जहां उसे जेल भेज दिया गया। उसके खिलाफ हुई कार्रवाई चर्चा का विषय बनी है बताया जा रहा है कि पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए वह उच्च न्यायालय के माध्यम से बचने का रास्ता तलाश रहा था लेकिन कामयाब न होने पर सरेंडर कर दिया।
दही थाना क्षेत्र में आवास विकास कालोनी बी-ब्लॉक निवासी अंशू गुप्ता पर सदर कोतवाली में करीब एक दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं। विदेश घूमने के लिए अंशू ने 23 अगस्त 2022 को अमित कुमार गुप्ता के नाम से पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। सदर कोतवाली के कुद्दूखेड़ा गांव का निवासी दर्शाकर एक महीने बाद छह सितंबर 2022 को आसानी से पासपोर्ट हासिल कर लिया था।
हालांकि बाद में शिकायत पर जांच हुई तो अमित कुमार गुप्ता का उपनाम अंशू गुप्ता होने का पता चला। उसके खिलाफ दही थानाक्षेत्र में कई मुकदमे दर्ज होने की जानकारी भी मिली थी। इसके बाद मगरवारा चौकी के तत्कालीन इंचार्ज ने अमित कुमार उर्फ अंशू गुप्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई और न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। न्यायालय में हाजिर न होने पर उसके खिलाफ कार्रवाई हुई और गुंडा एक्ट में निरुद्ध किया गया है। प्रकरण में अब पुलिस के अधिकारी पासपोर्ट से जुड़ी जांच करने वाले पुलिस कर्मियों की भूमिका का भी पता लगा रहे हैं।
पासपोर्ट कार्यालय में दाखिल अभिलेख भी जांचे जाएंगे
पासपोर्ट आवेदन के समय लगाए गए दस्तावेजों की भी पुलिस जांच करेगी। साथ ही पासपोर्ट कार्यालय के भी कर्मचारियों की भूमिका जांची जाएगी। सूत्रों के अनुसार, पुलिस अंशू गुप्ता के खिलाफ सदर कोतवाली, गंगाघाट सहित अन्य थानों और अधिकारियों से की गई शिकायतों की जानकारी जुटा रही है।
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