
कानपुर : बसपा नेता नरेंद्र सिंह सेंगर उर्फ पिंटू सेंगर हत्याकांड में चार साल के लंबे अंतराल के बाद वकील धीरज उपाध्याय उर्फ दीनू को डीसीपी सेंट्रल की स्वाट टीम ने गिरफ्तार कर लिया। हत्या, हत्या की साजिश के मामले में उसके खिलाफ साक्ष्य मिलने के बाद घर के पास स्थित मंदिर से उसकी गिरफ्तारी की गई। दीनू को शनिवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा।

चकेरी के मंगला विहार निवासी पिंटू सेंगर की जेके कॉलोनी जाजमऊ में 20 जून 2020 को दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय पिंटू एक विवादित जमीन के मामले में बातचीत करने सपा नेता चंद्रेश सिंह के घर पहुंचे थे। इस हत्याकांड में पप्पू स्मार्ट, सऊद अख्तर उसके भाई महफूज अख्तर, आमिर बिच्छू समेत एक दर्जन लोगो के नाम सामने आए थे। आरोप था कि पप्पू स्मार्ट और सऊद अख्तर ने हत्याकांड की साजिश रची। शूटर राशिद कालिया, एहसान कुरैशी, सलमान बेग और फैसल कुरैशी को हत्या की सुपारी दी गई थी। पुलिस ने राशिद का इनकाउंटर कर दिया था जबकि अन्य आरोपियों को जेल भेज दिया गया था। इस मामले में विवादित जमीन से जुड़े दूसरे पक्ष के तौर पर वकील दीनू उपाध्याय और अरिदमन सिंह का नाम सामने आया था। जांच के दौरान विवेचक ने दोनों को क्लीनचिट दे दी थी। जिसके बाद पिंटू सेंगर के भाई धर्मेंद्र सेंगर ने पुलिस आयुक्त से शिकायत की थी। पुलिस आयुक्त के आदेश पर अग्रिम विवेचना की गई जिसमें दीनू को हत्या, हत्या की साजिश रचने का आरोपी पाते हुए शुक्रवार की रात नवाबगंज से गिरफ्तार कर लिया गया।

यह था पूरा मामला
चकेरी की साढ़े चार बीघा जमीन को पिंटू सेंगर ने नीतेश कनौजिया से लिया था। इस जमीन पर मनोज गुप्ता की भी नजर थी। इसी विवाद का सुलह कराने के लिए सपा नेता चंद्रेश सिंह ने 20 जून 2020 की दोपहर पिंटू को जेके कॉलोनी जाजमऊ स्थित अपने घर बुलाया था। दूसरे पक्ष से दीनू उपाध्याय को पहुंचना था। पिटू दोपहर 1.12 बजे पहुंच गए और दीनू को फोन किया। इसी बीच शूटरों ने गोलियां बरसाकर पिंटू की हत्या कर दी। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

पहले भी मंदिर से लौटते समय मारी थी गोली
पिंटू सेंगर पर 17 जनवरी 2017 की रात 10 बजे पनकी मंदिर से वापस लौटते समय हमला हुआ था। वह इनोवा गाड़ी से थे। गाड़ी के दोनों ओर से गोली मारी गई। एक गौली गाल फाड़ते हुए पार हो गई थी। इस मामले में बीते 23 अप्रैल को कोर्ट से सऊद अख्तर और पप्पू स्मार्ट को 10 वर्ष कैद और 20 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया था।
क्लीन चिट देंने वाले पुलिसकर्मी भी नपेंगे
डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि दीनू और अरिदमन सिंह को क्लीनचिट देने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ पुलिस आयुक्त ने जांच के आदेश दिए हैं। आरोप हैं कि इन लोगों ने गैर जिम्मेदाराना तरीके से विवेचना करते हुए साक्ष्य होने के दुरुह संधि के तहत दीनू को लाभ प्रदान किया। जानकारी के मुताबिक इंस्पेक्टर रवि श्रीवास्तव, रोहित तिवारी और संभाजीत मिश्रा ने इस मामले में विवेचना की थी। इनकी विवेचना के आधार पर कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट भी लग चुकी है।
दीनू उपाध्याय का होगा लाई डिटेक्टर टेस्ट
पिंटू मर्डर केस में अरेस्ट किए गए हत्यारोपी दीनू उपाध्याय का पुलिस जल्द ही लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कराएगी। एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि दीनू के झूठ पुलिस के बाद अब मशीन से भी पकड़ा जाएगा। मेडिकल और पुलिस की टीम इसे जल्द ही पूरा करेगी। यह जांच भी कोर्ट में तमाम सारे गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर तैयार की गई है। अब आपको बताते हैं क्या होता है लाई डिटेक्टर टेस्ट लाई डिटेक्टर टेस्ट, जिसे पॉलीग्राफ टेस्ट भी कहा जाता है, एक ऐसी प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति के शरीर में होने वाले बदलावों को मापता है। जब उसे प्रश्न पूछे जाते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, हृदय गति, रक्तचाप, सांस लेने की गति और त्वचा की चालकता जैसे संकेत मापे जाते हैं। इन संकेतों में बदलाव के आधार पर यह पता लगाया जाता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या फिर झूठ बोल रहा है।

पिटू सेंगर हत्याकांड में वकील दीनू की गिरफ्तारी की गई है। लंबे समय से वह अपने प्रभाव से साक्ष्य होने के बावजूद बच रहा था। विवेचना में क्लीन चिट देने वालों की भी जांच के निर्देश दिए हैं।
“अखिल कुमार” (पुलिस आयुक्त)
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