लखनऊ इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कानपुर के सीएमओ डा. हरिदत्त नेमी के निलंबन आदेश पर स्टे के बावजूद उनके आफिस में पहुंचने उन्हें कार्य करने से रोकने के मामले में कड़ा रुख अख्तियार किया है।
कोर्ट ने पूरे मामले का सारा रिकार्ड तलब करते हुए चेतावनी दी है कि यदि रिकार्डों में हेराफेरी की गई तो जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने अपने आदेश का माखौल उड़ाने की कार्यवाही करने वाले जिले के आला अफसरों के प्रति कड़ी नाराजगी जतायी। रिकार्ड तलब करते हुए कोर्ट ने अगली सुनवायी 28 जुलाई को सुबह 11 बजे नियत की है। यह आदेश जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने डा. नेमी की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवायी करते हुए पारित किया है। याचिका में प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, जिलाधिकारी कानपुर जीतेंद्र प्रताप सिंह, एडीएम कानपुर नगर राजेश कुमार, एसीपी अभिषेक पांडे, एसएचओ चकेरी थाना संतोष शुक्ला व श्रावस्ती वापस भेजे गए सीएमओ कानपुर नगर डा. उदय नाथ को विपक्षी पक्षकार बनाया गया है। अवमानना याचिका पर डा. नेमी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एल पी मिश्रा का कहना था कि जब याची ने चार्ज लिया तो कानपुर के एडीएम राजेश कुमार, एसीपी अभिषेक पांडे व एसएचओ संतोष शुक्ला ने उनके साथ अभद्रता की और अदालती आदेश की अवमानना की। जिस पर प्रकार से अफसरों ने कोर्ट के आर्डर के प्रति प्रतिक्रिया दीआदेश के बाद भी याची का तमाशा बनाया वह अदालत की अपराधिक अवमानना की श्रेणी में आता है अतः जिन अफसरों ने याची के साथ अभद्रता की उनके खिलाफ अवमानना प्रारंभ की जाए।
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