
कानपुर : उत्तर प्रदेश में नोएडा की तरह एक और हाईटेक शहर बसने जा रहा है. इसका विकास ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर किया जाएगा और इसे ग्रेटर कानपुर के नाम से जाना जाएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना विजन 2051 को अमलीजामा पहनाने के लिए अफसरों ने खाका तैयार कर लिया है। शहर के बढ़ते दायरे और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए प्रशासन ने ग्रेटर कानपुर बसाने की योजना तैयार की है। मंधना से महाराजपुर तक निर्माणाधीन रिंग रोड के दोनों ओर नया और सुव्यवस्थित शहर विकसित किया जाएगा। इस योजना के लिए विजन-2051 के प्रस्ताव में पांच हजार करोड़ रुपये बजट मांगा गया है। इसके बसने से शहर के विकास को उड़ान भरने के लिए पंख लगेंगे।
शहर में आबादी बढ़ने के साथ ही जरूरी संसाधनों को पूरा करने के लिए ग्रेटर कानपुर की योजना तैयार की गई है। इसमें औद्योगिक क्षेत्र, आवासीय टाउनशिप, स्वास्थ्य सुविधाएं, परिवहन हब, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, स्कूल-कालेज और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों की स्थापना को शामिल किया गया है। मौजूदा समय में जनसंख्या के बढ़ते दबाव के कारण अव्यवस्थित यातायात और अनियोजित विकास को नियंत्रित करने के लिए ग्रेटर कानपुर का खाका तैयार किया गया है। इसमें कानपुर रीजनल इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट अथारिटी (क्रीडा) को जोड़ा गया है। क्रीड़ा की देखरेख में भूमि चिह्नीकरण, अधिग्रहण, मास्टर प्लान और आधारभूत ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। प्रस्ताव में स्मार्ट सिटी की तर्ज पर मल्टीमाडल ट्रांसपोर्ट, हरित क्षेत्र, जल संरक्षण और सौर ऊर्जा के विस्तारीकरण को भी शामिल किया गया है। हालांकि क्रीडा की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट अलग से मांगा गया है। वहीं ग्रेटर कानपुर को बसाने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में केडीए को नामित किया गया है। इस संबंध में मंडलीय उच्चस्तरीय विकास समिति के समन्वयक नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि इस परियोजना से कानपुर में निवेश बढ़ेगा और हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही बढ़ती आबादी की सुनियोजित आवासीय आवश्कताओं को भी इस योजना के माध्यम से पूरा किया जाएगा।
इन क्षेत्रों के आसपास बसेगा ग्रेटर कानपुर
मंधना, काकरमऊ, भौतीखेड़ा, भीसर, सीधी, रमईपुर, बिधनू, मझावन, तिलसहरी खुर्द, रूमा, महाराजपुर गांव।
इस क्षेत्र में चार प्रमुख परियोजनाएं प्रस्तावित है, जिनके नाम हैं…
मेडिसिन सिटी डिफेंस कॉरिडोर: भीमसेन के पास 100 एकड़ में 360 करोड़ रुपये की लागत से.
नालेज पार्क: भीमसेन में 359 एकड़ में 880 करोड़ रुपये से.
मेगा एमएसएमई पार्क: भीमसेन के पास 100 एकड़ में 294 करोड़ रुपये से.
ई-पार्क: भीमसेन में 500 एकड़ में 700 करोड़ रुपये की लागत से.
आत्मनिर्भर कानपुर की ओर कदम
यह परियोजना कानपुर को औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी. यह प्रयास न केवल शहर के विकास को गति देगा, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक समृद्धि को भी बढ़ावा देगा।
विजन-2051 में ग्रेटर कानपुर के प्रस्ताव को शामिल किया गया है। इसके लिए पांच हजार करोड़ रुपये बजट मांगा गया है। ग्रेटर कानपुर की परिकल्पना को साकार करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
के विजयेन्द्र पांडियन, मंडलायुक्त
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