लखनऊ : डिजिटल अरेस्ट की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पुलिस इन मामलों की छानबीन में तेजी लाने के साथ ही लोगों को इसके खतरे के प्रति जागरूक भी करेगी। डीजीपी राजीव कृष्ण ने डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं की रोकथाम के लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाए जाने का निर्देश दिया है। कहा है कि माह के प्रथम बुधवार को साइबर जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इसे और प्रभावी बनाया जाए। इस अपराध में बढ़ोतरी पुलिस आंकड़ों से भी साफ है। वर्ष 2023 में डिजिटल अरेस्ट के 18 मुकदमे दर्ज हुए थे जबकि पिछले वर्ष 196 मुकदमे दर्ज किए गए थे। डिजिटल अरेस्ट के सर्वाधिक अपराध म्यांमार, लाओस व कंबोडिया से संचालित हो रहे हैं। ठग अपना परिचय पुलिस, सीबीआइ, ईडी, एनसीबी या किसी अन्य सरकारी अधिकारी के रूप में देकर लोगों को लगातार अपना शिकार बना रहे हैं।

डीजीपी ने हर जिले में बुजुर्गों व तकनीक की कम जानकारी रखने वाले लोगों को विशेषकर डिजिटल अरेस्ट जैसे अपराध के बारे में जागरूक करने पर जोर दिया। कहा कि उन्हें बताया जाए कि फोन पर किसी के पुलिस या किसी अन्य एजेंसी का अधिकारी होने का दावा करने वाले से सावधान रहें। इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर लोगों को जागरूक करने वाले वीडियो व संदेश लगातार प्रसारित किए जाएं। साइबर हेल्प डेस्क व साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 से जुड़े जागरूकता कार्यक्रम हर जिले में आयोजित किए जाएं। लोगों को संदिग्ध काल व ऐसे किसी अपराध की शिकायत तत्काल राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (cybercrime.gov.in) व साइबर हेल्पलाइन 1930 पर करने के लिए प्रेरित करें। डिजिटल अरेस्ट के मामले की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई किए जाने के साथ ही ठगों के सिम, वाट्सएप अकाउंट व स्काइप आइडी को टेलीकाम सेवा प्रदाताओं से ब्लाक कराएं।

Recent Comments