कानपुर चकेरी में प्लाट कब्जाने के मामले में प्लाट मालिक अभिषेक वाष्र्णेय ने दावा किया है कि संगीता जायसवाल, उनके पति व अन्य ने हाई कोर्ट को गुमराह कर गलत तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कराई है। शुक्रवार को जर्नलिस्ट क्लब में प्रेसवार्ता के दौरान अभिषेक ने बताया कि एसीएम-2 ने उनके पक्ष में निर्णय दिया था, जबकि संगीता ने प्लाट संख्या 125 की जगह 124 पर कब्जा करने की नीयत से दस्तावेज हाई कोर्ट में प्रस्तुत किए।
अभिषेक ने बताया कि कोर्ट ने उनके पक्ष में संगीता जायसवाल के खिलाफ बेदखली का आर्डर दिया था। इसके अनुपालन में कोर्ट ने चकेरी पुलिस को उनके पिता सुशील को कब्जा देना सुनिश्चित किया था। अभिषेक वाष्र्णेय का कहना है कि कब्जा मिलने के बाद सुनियोजित योजना के तहत संगीता जायसवाल, संजय जायसवाल और राजकुमार सोनी व 10 से 15 लोग जबरन उनके प्लाट में घुस गए और तोड़फोड़ करने लगे। इस पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। आरोप है कि पुलिस ने आरोपितों के बजाय उनके खिलाफ ही मुकदमा दर्जकर कार्रवाई कर दी। उन्होंने पुलिस आयुक्त से शिकायत कर वीडियो साक्ष्य दिखाए। उन्होंने मामले की जांच कराई तो आरोपितों द्वारा कब्जे की बात सही निकली। इस पर संगीता उनके पति संजय, राजकुमार, सोनी, अजय आशीष जायसवाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई। इसके बाद संगीता ने तथ्यों को छिपा और हाई कोर्ट को गुमराह करके चकेरी थाना प्रभारी सँतोष कुमार शुक्ला , दारोगा अंकित खटाना समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया।
महाराजपुर थाना प्रभारी संजय पांडेय मामले की जांच नए सिरे से शुरू करेंगे। उन्होंने बताया कि अभी उन्हें मामले से जुड़े पूरे प्रपत्र नहीं मिले हैं। इन्हें लेकर विवेचना शुरू होगी। चकेरी इंस्पेक्टर और दारोगा पर विभागीय जांच एसीपी चकेरी अभिषेक पांडेय करेंगे। दोनो पक्षों के बयान दर्ज होंगे। इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी जाएगी।
जमीन विवाद के प्रपत्रों का संग्रह कर शुरू होगी जांच

इंस्पेक्टर चकेरी और दारोगा समेत चार पर उनके ही थाने में डकैती का मुकदमा हुआ है दर्ज।
चकेरी में इंस्पेक्टर और दरोगा के खिलाफ उनके ही थाने में डकैती, चोरी और दंगा कराने सहित 7 गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया गया था। लाल बंगला की रहने वाली महिला की तहरीर पर इंस्पेक्टर व अन्य पुलिसकर्मियों पर तोड़फोड़ कर कब्जा कराने, करीब डेढ़ करोड़ का सामान व गहने ट्रक में भरकर उठा ले जाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। महिला का आरोप है कि उनकी एक जमीन का मामला हाईकोर्ट में है। कोर्ट में ट्रॉयल चल रहा। फिर भी पुलिसवालों ने कब्जा कराया, उनके डेढ़ करोड़ के सामान ट्रक में भरकर ले गए। उनके परिवारीजन से मारपीट की और शांति भंग में चालान कर दिया।
महिला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर पुलिस के आला अधिकारियों से शिकायत की थी। जिसके बाद पुलिस कमिश्नर ने एफआईआर का आदेश दिया था। चकेरी थाने में 2 सितंबर को चकेरी इंस्पेक्टर संतोष शुक्ला, दरोगा अंकित खटाना समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ डकैती, दंगा करने, चोरी, चोट पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया थी जिसकी विवेचना महराजपुर थाने में ट्रांसफर कर दी गयी है।
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