उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने एक बड़ी साजिश को विफल करते हुए चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जो ‘मुजाहिदीन आर्मी’ नामक संगठन बनाकर हिंसक जिहाद के जरिए सरकार को उखाड़ फेंकने और देश में शरिया कानून लागू करने की योजना रच रहे थे.
उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने एक बड़ी साजिश को विफल करते हुए चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जो ‘मुजाहिदीन आर्मी’ नामक संगठन बनाकर हिंसक जिहाद के जरिए सरकार को उखाड़ फेंकने और देश में शरिया कानून लागू करने की योजना रच रहे थे. गिरफ्तार आरोपियों में सुल्तानपुर के अकमल रजा, सोनभद्र के सफर सलमानी उर्फ अली रजवी, कानपुर के मोहम्मद तौसीफ और रामपुर के कासिम अली शामिल हैं. एटीएस को शक है कि ये लोग सोशल मीडिया के जरिए रेडिकलाइजेशन फैला रहे थे और गैर-मुस्लिम धार्मिक नेताओं की टारगेट किलिंग की योजना बना रहे थे. यह गिरफ्तारी हाल के आतंकी मॉड्यूल्स के बाद यूपी में बढ़ती कट्टरता पर सवाल खड़े करती है, जहां डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग आम हो गया है.
मीटिंग्स और सोशल मीडिया से जिहादी नेटवर्क
एटीएस की जांच में सामने आया कि आरोपी आपस में गुप्त मीटिंग्स आयोजित कर रहे थे. सोशल मीडिया ग्रुप्स में जुड़कर अपनी कट्टर जिहादी सोच फैला रहे थे. ग्रुप में ऑडियो चैट्स, वीडियो क्लिप्स और प्रोपेगैंडा मैसेज भेजकर वे लोगों को आतंकी कार्रवाइयों के लिए उकसा रहे थे. उनका मुख्य मंसूबा हिंसक जिहाद के जरिए केंद्र सरकार को गिराकर भारत में शरिया कानून लागू करना था. एटीएस सूत्रों के अनुसार, आरोपी समान मानसिकता वाले युवाओं को रेडिकलाइज कर ग्रुप में भर्ती कर रहे थे, ताकि एक बड़ा हिंसक संगठन खड़ा हो सके.
टारगेट किलिंग और हथियार जुटाने की योजना
सोशल मीडिया ग्रुप में गैर-मुस्लिम धार्मिक प्रमुखों की निकट भविष्य में टारगेट किलिंग की गंभीर योजना बनाई जा रही थी. आरोपी हिंसात्मक जिहादी साहित्य जुटा रहे थे. उसे प्रचारित-प्रसारित कर रहे थे. आतंकी कार्रवाइयों को अंजाम देने के लिए हथियार, विस्फोटक और अन्य सामग्री के इंतजाम के लिए धन जमा करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी. वे पूरे जोर-शोर से ‘मुजाहिदीन आर्मी’ नामक हिंसक ग्रुप बनाने की तैयारी में जुटे थे. एटीएस ने बताया कि यह साजिश कई महीनों से चल रही थी, और गिरफ्तारी से पहले इनके ग्रुप में 50 से अधिक सदस्य जुड़ चुके थे.
बरामद सामान और आगे की कार्रवाई
गिरफ्तारी के दौरान एटीएस ने आरोपियों के पास से पांच मोबाइल फोन, एटीएम/डेबिट-क्रेडिट कार्ड्स और फोनपे स्कैनर बरामद किए. ये सामान साजिश को फंडिंग और कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल हो रहे थे. एटीएस जल्द ही आरोपियों को कस्टडी डिमांड में लेकर गहन पूछताछ करेगी, ताकि पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके. एसएसपी एटीएस ने कहा, “यह गिरफ्तारी राज्य में शांति के लिए महत्वपूर्ण है. हम डिजिटल जिहाद के खिलाफ सतर्क हैं।

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