लखनऊ : पूर्वांचल के यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार मिलकर लखनऊ से वाराणसी के बीच सड़क संपर्क को और मजबूत करने जा रही है। इसके लिए करीब 9500 करोड़ रुपये की लागत से लखनऊ वाराणसी हाईवे को सिक्स लेन बनाया जाएगा। इससे राजधानी से काशी तक पहुंचने में जहां 5 से 6 घंटे लगते है, वहीं नया सिक्स लेन कॉरिडोर तैयार होने के बाद यह दूरी केवल ढाई से 3 घंटे में तय की जा सकेगी। इससे आम यात्रियों, व्यापारियों और तीर्थयात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना को पूर्वांचल के लिए ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि काशी और लखनऊ का यह नया संपर्क न केवल यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि विकास की गंगा भी बहाएगा। पूर्वांचल अब नई ऊंचाइयों को छुएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार प्रदेश की सड़कों को विकास की रीढ़ बना रही है। लखनऊ वाराणसी सिक्स लेन कॉरिडोर से न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि औद्योगिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार भी होगा। पूवीचल अब निवेश का केंद्र बनेगा।
नया सिक्स लेन कॉरिडोर लखनऊ से शुरू होकर सुलतानपुर, अमेठी, जौनपुर होते हुए वाराणसी पहुंचेगा। लखनऊ से निकलकर यह हाईवे सुलतानपुर जिले से गुजरेगा। इसके बाद मार्ग अमेठी और जौनपुर जिलों को जोड़ेगा।
जौनपुर से सीधे वाराणसी की ओर बढ़ते हुए यह कॉरिडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र तक पहुंचेगा। इस मार्ग से इन जिलों के लोगों को सीधा फायदा मिलेगा और इन क्षेत्रों में रोजगार व निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी।
अधिकारियों के अनुसार परियोजना पर आने वाली 9500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत में से लगभग 3500 करोड़ रु पये जमीन अधिग्रहण पर खर्च किए जाएंगे। करीब 6000 करोड़ रुपये सड़क निर्माण, पुल-पुलियों और इंटरचेंजों पर खर्च होंगे। इस परियोजना का डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) लगभग तैयार है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू होने की संभावना है। अगले वर्ष से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। लक्ष्य है कि साल 2028 तक यह हाईवे पूरी तरह चालू हो जाए। निर्माण को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इस परियोजना से पर्यटन, शिक्षा, उद्योग और व्यापार को नई दिशा मिलेगी। बनारस आने वाले देशीविदेशी पर्यटकों का सफर बेहद आसान होगा। साथ ही, प्रयागराज और आसपास के जिलों के यात्रियों को भी तेज और सुरक्षित कनेक्टिविटी मिलेगी। सड़क परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि परियोजना को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। इसमें अत्याधुनिक तकनीक और सुरक्षा मानकों का इस्तेमाल होगा। हाईवे पर एक्सेस कंट्रोल्ड सिस्टम, , सर्विस लेन और ट्रैफिक प्रबंधन की आधुनिक व्यवस्था की जाएगी।

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