पुलिस सेवा मात्र नौकरी नहीं, बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायित्व और समर्पण का प्रतीक है- रघुवीर लाल

कानपुर। पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने रिजर्व पुलिस लाइन्स स्थित प्रशिक्षण केन्द्र का भ्रमण किया। इस...

पत्रकारों का संगठित होना ज़रूरी क्यों?

अभय त्रिपाठी :- पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी हैं, लेकिन प्रहरी तभी सशक्त होता है जब वह अकेला नहीं...

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कानपुर : इंटररेंज-9 गैंग में पुलिस ने 5 नाम बढ़ाए, उत्पीड़न के खिलाफ अधिवक्ता देंगे धरना।

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प्रयागराज : पत्रकार की चाकुओं से गोदकर की निर्मम हत्या, पुलिस ने आरोपी का किया हाफ एनकाउंटर।

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कानपुर। पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने रिजर्व पुलिस लाइन्स स्थित प्रशिक्षण केन्द्र का भ्रमण किया। इस मौके पर पुलिस आयुक्त ने प्रशिक्षु आरक्षियों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘पुलिस सेवा केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायित्व और समर्पण का प्रतीक है। अनुशासन, समयपालन, ईमानदारी, संवेदनशीलता और जनसेवा की भावना को अपनाकर ही एक पुलिसकर्मी अपनी पहचान स्थापित करता है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि प्रशिक्षण के दौरान जो भी आदर्श और मूल्य सिखाए जाते हैं, वही आगे चलकर पुलिसिंग की बुनियाद बनते हैं।

भ्रमण के दौरान पुलिस आयुक्त श्री लाल ने प्रशिक्षु आरक्षियों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, ड्रिल, शारीरिक अभ्यास, फायरिंग, कानून एवं पुलिसिंग से संबंधित सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण की जानकारी ली। उन्होंने प्रशिक्षण के विभिन्न पहलुओं जैसे – परेड अनुशासन, शारीरिक फिटनेस, हथियार संचालन, केस अध्ययन, कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने की रणनीति, संचार कौशल, अपराध अन्वेषण तकनीक तथा जनसंपर्क कौशल आदि का प्रत्यक्ष अवलोकन किया। उन्होंने प्रशिक्षु आरक्षियों से व्यक्तिगत रूप से संवाद करते हुए प्रशिक्षण के अनुभव, सुविधाओं एवं सुधार की आवश्यकताओं के संबंध में फीडबैक भी लिया।
पुलिस आयुक्त ने निर्देशित किया गया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम को निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरूप सुव्यवस्थित, व्यावहारिक एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से संचालित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशिक्षण में आधुनिक तकनीक, साइबर अपराध की समझ, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग, डिजिटल इन्वेस्टिगेशन और सॉफ्ट स्किल्स जैसे विषयों को भी शामिल किया जाए, ताकि प्रशिक्षु आरक्षी वर्तमान समय की चुनौतियों का सामना प्रभावी रूप से कर सकें।उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि प्रशिक्षण केंद्र में स्वच्छता, अनुशासन, समयबद्धता और फिजिकल फिटनेस पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रशिक्षकों से कहा गया कि वे आरक्षियों में टीमवर्क, परस्पर सहयोग और नेतृत्व क्षमता विकसित करने पर बल दें, जिससे वे भविष्य में पुलिस बल के सक्षम एवं सशक्त सदस्य बन सकें। उन्होंने प्रशिक्षण वातावरण को और अधिक सकारात्मक, प्रेरक एवं व्यवहारिक बनाने पर बल दिया। निरीक्षण के दौरान वाह्य एवं आंतरिक प्रशिक्षकगण, प्रतिसार निरीक्षक तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।


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