बहराइच हिंसा: रामगोपाल को गोली मारने वाले 5 आरोपी, मुठभेड़ के बाद अरेस्ट।

विज्ञापन बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा में राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई थी. इस घटना के...

कानपुर : मोतीझील से नयागंज स्टेशन तक जल्द चलेगी मेट्रो ट्रेन।

विज्ञापन मेट्रो के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार को मिला मिला मेट्रो मेट्रो मैन ऑफ द ईयर पुरस्कार।...

Kanpur : हिंसा के 32 आरोपियों के मुकदमे वापस लेगी यूपी सरकार, सीएम ने दिए निर्देश।

यूपी सरकार ने साल 2015 में सीसामऊ में हुए हिन्दू-मुस्लिम के बीच हुई हिंसा मामले में आरोपियों पर से...

सुपारी लेकर की गई थी बाबा सिद्दीकी की हत्या? शिंदे सरकार पर विपक्ष के तीखे हमले

मुंबई में अजित पवार गुट के एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. बीती रात...

जय प्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि पर राजधानी में दूसरे साल भी हंगामा, अखिलेश जाने की जिद में, यूपी पुलिस रोकने पर अड़ी।

भाजपाई लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मक का प्रतीक है। पिछली बार की तरह समाजवादी लोग...

Uptvlive Kanpur : आईआईटी की छात्रा ने किया सुसाइड, एक साल में चौथी आत्महत्या से हड़कंप।

उत्‍तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां कानपुर आईआईटी की...

हरियाणा चुनाव में जीती बीजेपी, हिमाचल में बटी जलेबियां जयराम ठाकुर ने लड्डू नहीं जलेबी बांटकर मनाई चुनावों के जीत की खुशी

मंडी. हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशित जीत पर हिमाचल प्रदेश में...

1857 में 17-21 जुलाई के बीच अंग्रेजों ने कानपुर में किया था भीषण नरसंहार

हम कितने उदासीन है शायद इस तरह की मानव प्रजाति दुनियां के किसी कोने में नही पाई जाती जिसको पग पग...

यूपी में 24 PPS बने IPS; चिरंजीव नाथ सिन्हा, विश्वजीत श्रीवास्तव, ममता रानी को मिला प्रमोशन –

विज्ञापन PS officers promotionउत्तर प्रदेश के 24 प्रांतीय पुलिस सेवा (PPS) संवर्ग के अफसर आईपीएस...
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लखनऊ- उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण के लिए मतदान शुरू होने वाले हैं, इस बीच टिकट न मिलने से नाराज कई कद्दावर नेता दल-बदल की राजनीति में जुट गए हैं। राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा से पहले ही कई मंत्री और विधायक अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) का दामन थाम चुके हैं। वहीं, सपा के भी कई दिग्गज नेता बीजेपी की ओर रुख कर रहे हैं। इस लिस्ट में आज मुलायम परिवार की छोटी बहू अपर्णा यादव का भी नाम जुड़ गया है। दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में उन्होंने यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और यूपी बीजेपी चीफ स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

चुनाव से ठीक पहले सपा को बड़ा झटका
यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव का बीजेपी में शामिल होना समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अपर्णा ने सपा की टिकट पर साल 2017 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, हालांकि उन्हें लखनऊ कैंट सीट से बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। अब अपर्णा के अचानक से बीजेपी में शामिल होने को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन इस फैसले के पीछे मुख्य रूप से तीन कारण बताए जा रहे हैं।

  1. अखिलेश कैंट से टिकट नहीं दे रहे थे
    जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं 2017 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपर्णा को लखनऊ कैंट से टिकट दिया था, लेकिन वह पार्टी की उम्मीदों पर खरीं नहीं उतर सकीं। अपर्णा को बीजेपी की रीता बहुगुणा से भारी मतों से हार का सामना करना पड़ा था। अपर्णा के बीजेपी में जाने को लेकर यह कहा जा रहा है कि लखनऊ कैंट से मिली हार के चलते अब अखिलेश यादव उन पर दांव नहीं लगाना चाहते, इसलिए उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया। वहीं, सूत्रों का दावा है कि अखिलेश यादव ने इस बार परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट नहीं देने का भी फैसला लिया है।
  2. अपर्णा कई बार योगी सरकार की तारीफ कर चुकी हैं
    अपर्णा यादव कई बार बीजेपी और योगी आदित्याथ सरकार की तारीफ करती नजर आई हैं, जिसे लेकर वो पिछले वर्ष सुर्खियों में भी रही थीं। अपर्णा ने अक्टूबर, 2021 में दिए अपने एक बयान में सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा था कि उन्हें बीजेपी सरकार के कुछ फैसले पसंद आए हैं। बताया जा रहा है कि अपर्णा के इस बयान से सपा प्रमुख अखिलेश यादव काफी खफा हो गए थे, जिसके बाद दोनों के बीच मतभेद पैदा हो गए। बुधवार को बीजेपी ज्वाइन करने के बाद भी अपर्णा ने खुद को पीएम मोदी से प्रभावित बताया।
  3. सपा की तुलना में भाजपा में बेहतर राजनीतिक करियर की तलाश
    मुलायम सिंह की बहू अपर्णा का बीजेपी ज्वाइन करना उनके लिए कितना फायदेमंद होगा, ये तो आने वाला समय ही बताएगा। माना जा रहा है कि अपर्णा को सपा के मुकाबले बीजेपी में अपना राजनीतिक करियर बेहतर नजर आ रहा है। मुलायम परिवार की होने के बावजूद उन्हें सपा में बड़ी जिम्मेदारियों के दूर रखा गया, जबकि बीजेपी में उन्हें अपना बेहतर कल नजर आ रहा है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी उन्हें लखनऊ कैंट से ही सपा उम्मीदवार के खिलाफ मैदान में उतार सकती है।

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