#Kanpur : बार एसोसिएशन कार्यकारिणी का कार्यकाल खत्म..

विज्ञापन कानपुरः बार एसोसिएशन कार्यकारिणी का कार्यकाल गुरुवार को खत्म हो गया। कमेटी ने एल्डर्स...

#Kanpur : रेड क्रॉस सोसायटी ने मुसहर बस्ती में राहत सामग्री का किया वितरण।

कानपुर -इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के द्वारा गुरुवार मुसहर बस्ती में राहत सामग्री का वितरण किया...

Kanpur : सपा नेता पर गंभीर आरोप मकान कब्जाने को लेकर गुर्गो ने किया पथराव वीडियो वायरल।

उत्तर प्रदेश के कानपुर में समाजवादी पार्टी के नेता और महराजपुर विधानसभा सीट प्रत्याशी रह चुके मनोज...

Uptvlive पर सुबह की बड़ी खबरें…

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कानपुर : सीएम योगी आदित्यनाथ गुरुवार को कानपुर में थे। यहां उन्होंने सुबह 725 करोड़ के प्रोजेक्ट...

Janmashtami 2024: ये हैं कानपुर के प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर, जन्माष्टमी पर आप भी पहुंचें दर्शन करने।

अगर आप कानपुर या आसपास के शहरों के रहने वाले हैं तो जन्माष्टमी के मौके पर कानपुर के प्रसिद्ध कृष्ण...

Uttarpradesh : योगी सरकार प्रदेश में लायी ग्रीन एनर्जी क्रांति…

यूपीसीडा की ग्रीन पहल, औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे रूफ टॉप सोलर प्लांट, ग्रीन...

UP IPS Transfer: यूपी पुलिस में फेरबदल, 18 आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर…

विज्ञापन अभय त्रिपाठी / UP IPS Transfer list: यूपी पुलिस में तबादलों का दौर जारी है। योगी सरकार ने...

योगी जैसा कोई मुख्यमंत्री नहीं’, डिप्टी CM केशव मौर्य के तारीफ करने के पीछे है ये कारण?

यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर डाली. उन्होंने कहा कि दुनिया में...
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लोकसभा चुनाव की तैयारियों को पूरा कराया जा रहा है। तमाम राजनीतिक दल अपनी रणनीति को धार देने में जुटे हैं। वहीं, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रयोग ने विरोधी दलों के साथ-साथ पार्टी नेताओं की भी धड़कन बढ़ा दी है। खासकर हाल के दिनों में पार्टी की रणनीति से अलग दिखने वालों के बीच सुगबुगाहट तेज है।

में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत ने मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर भाजपा को सत्ता में वापसी करा दी। विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी मध्य प्रदेश में उस प्रकार की किसी भी स्थिति को पैदा नहीं होने देना चाहती है। इसलिए, जिन सीटों पर पार्टी कमजोर दिख रही है, वहां पर कद्दावर उम्मीदवारों के जरिए सीट और आसपास के इलाकों में पार्टी को मजबूत कर एंटी इन्कंबैंसी फैक्टर को काटने की कोशिश की जा रही है।

सर्वे ने बढ़ाई है धड़कन

यूपी में भारतीय जनता पार्टी ने तमाम सांसदों के लोकसभा सीट में प्रभाव को लेकर सर्वे कराया है। इसमें सांसदों के क्षेत्र में इफेक्टिव होने पर कार्यकर्ताओं से लेकर आम लोगों के बीच चर्चा की गई है। भाजपा की ओर से कराए गए इंटरनल सर्वे में कई सांसद पार्टी की अपेक्षा पर खड़े नहीं उतर पाए हैं। ऐसे में टिकट वितरण को लेकर उन सांसदों में बेचैनी अधिक बढ़ी हुई है। भाजपा लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है। यूपी में भाजपा ने लोकसभा चुनाव को लेकर मिशन- 80 का लक्ष्य रखा है। पार्टी सभी सीटों पर जीत दर्ज करने की रणनीति तैयार कर रही है। इसके लिए भाजपा के औपचारिक और अनौपचारिक दोनों ही मंचों से जीतने वाले उम्मीदवारों को ही चुनावी मैदान में उतरे जाने के संकेत दिए गए हैं।

जनता के बीच सांसदों की लोकप्रियता और स्वीकार्यता को लेकर लगातार सर्वे का दौर जारी है। पार्टी की ओर से पिछले दिनों चलाए गए जनसंपर्क अभियान के दौरान भी सांसदों के दम-खम को परखा गया। इसके अलावा तमाम संसदीय क्षेत्रों में पार्टी ने दूसरे राज्यों के कार्यकर्ताओं के जरिए भी सर्वे कराया है। इनके परिणाम भी टिकट वितरण में अहम भूमिका निभाने वाले हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश के फॉर्मूले ने उत्तर प्रदेश के सांसदों की सांसें तेज कर दी है।

महिला आरक्षण के मास्टरस्ट्रोक की भी चर्चा

भारतीय जनता पार्टी ने नई संसद भवन के उद्घाटन के साथ ही महिला आरक्षण बिल को दोनों सदनों से पास कर दिया है। इसके तहत देश की लोकसभा और प्रदेश की विधानसभा चुनाव में 33 फीसदी सीटों पर महिला उम्मीदवारों को उतारे जाने का कानून पास किया गया है। हालांकि, इस कानून को जनगणना और उसके बाद होने वाले परिसीमन की प्रक्रिया के बाद ही लागू किए जाने की बात कही गई है। भाजपा तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीतने की तैयारी में जुटी हुई है। ऐसे में पार्टी अपने इस मास्टरस्ट्रोक को लोकसभा चुनाव के मैदान में जमीन पर उतरती दिख सकती है।

33 फीसदी सीटों पर पार्टी महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतर सकती है। ऐसे में यूपी की 80 में से कम से कम 24 सीटों पर पार्टी महिला उम्मीदवारों को उतार सकती है। यूपी में अभी भारतीय जनता पार्टी के 64 सांसद हैं। वहीं, सहयोगी अपना दल के दो सांसद हैं। अगर पार्टी ने महिला आरक्षण कानून को लोकसभा चुनाव में लागू किया तो कम से कम 10 से 12 सिटिंग सांसदों के टिकट कटने तय हैं।


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