पत्रकारों का संगठित होना ज़रूरी क्यों?

अभय त्रिपाठी :- पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी हैं, लेकिन प्रहरी तभी सशक्त होता है जब वह अकेला नहीं...

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कानपुर : बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सैकड़ों वकीलों के साथ पुलिस आयुक्त को दिया ज्ञापन।

कानपुर बार एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर...

मैथिलीशरण गुप्त: हिंदी और हिंदुस्तान को आजीवन समर्पित रही जिनकी कलम।

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कानपुर : इंटररेंज-9 गैंग में पुलिस ने 5 नाम बढ़ाए, उत्पीड़न के खिलाफ अधिवक्ता देंगे धरना।

पहले 21 सदस्यों का घोषित हुआ था इंटररेंज गैंग, इनमें 17 वकील। दीनू गैंग में दो भाजपा नेता समेत...

प्रयागराज : पत्रकार की चाकुओं से गोदकर की निर्मम हत्या, पुलिस ने आरोपी का किया हाफ एनकाउंटर।

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लखनऊ-वाराणसी हाईवे 9500 करोड़ से बनेगा 6 लेन। राजधानी से काशी पहुँचगे सिर्फ 3 घँटे में।

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Kanpur Metro : गणतंत्र दिवस तक नौबस्ता तक शुरू होगा सफर, लाखों लोगों की यात्रा होगी आसान।

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यूपी -बसों में सफर करना और भी सुरक्षित हो गया है। एक बटन दबाने पर तत्काल पुलिस मदद के लिए पहुंच जाएगी। कुल चार हजार रोडवेज बसों में पैनिक बटन लगा दिए गए हैं। 20 जनवरी को इस सुविधा को लॉन्च करने की तैयारी है। अगले चरण में तीन हजार अनुबंधित बसों में भी पैनिक बटन लगाए जाएंगे।

वर्ष 2012 में निर्भया कांड के बाद बनाए गए निर्भया फंड की मदद से परिवहन निगम प्रशासन ने बसों की सुरक्षा को पुख्ता बनाने की योजना तैयार की। कुल 71 करोड़ रुपये के बजट से बसों में पैनिक बटन लगाने की योजना को अमलीजामा पहनाया। जापानी की कंपनी को पैनिक बटन लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। कंपनी ने रोडवेज की चार हजार बसों में पैनिक बटन लगा दिए हैं। जबकि पांच हजार बसों में इन बटनों को लगाया जाना है। शेष बसों में बीस जनवरी से पहले बटन लगा दिए जाएंगे। सूत्रों की मानें तो बीस जनवरी को भव्य समारोह कर इस सुविधा को जनहित में लॉन्च कर दिया जाएगा। इससे महिलाओं, बुजुर्गों व पीड़ितों को आसानी से मदद मिल सकेगी। इसके लिए परिवहन निगम मुख्यालय पर सेंट्रलाइज्ड कमांड रूम बनाया गया है। जबकि निगम के बीस परिक्षेत्रों में रीजनल कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, जहां क्षेत्रीय स्तर पर यात्रियों को मदद मुहैया कराई जा सकेगी।

हर बस में लगे दस बटन, 112 से होंगे कनेक्ट
परिवहन निगम अधिकारियों ने बताया कि निर्भया फंड से लगाए गए पैनिक बटनों से महिलाओं को बस में असुविधा होने पर तत्काल मदद मिलेगी। प्रत्येक बस में दस बटन लगाए गए हैं। जरूरत होने पर बटन दबते ही तत्काल सेंट्रलाइज्ड कमांड सेंटर व डायल 112 पर सूचना चली जाएगी, जिसके बाद मौके पर पुलिस पहुंचेगी और पीड़ित की मदद करेगी।

सौ एलईडी स्क्रीन भी लगेंगे, देंगी जानकारी
बसों में सुरक्षा के लिहाज से पैनिक बटनों को लगाया जाएगा। इसी क्रम में निर्भया फंड के पैसों से बस अड्डों पर सौ एलईडी स्क्रीन भी लगाई जाएंगी। ये स्क्रीन प्रदेश के 20 परिक्षेत्रों के डेढ़ सौ से अधिक बस अड्डों पर लगाई जाएंगी। इनसे यात्रियों को बसों के आवागमन की जानकारियां मिलेंगी।

अनुबंधित बसों में भी लगेंगे पैनिक बटन
रोडवेज प्रशासन की ओर से पहले चरण में चार हजार बसों में पैनिक बटन लगा दिए गए हैं। वहीं अगले चरण में अनुबंधित बसों में भी पैनिक बटन लगाए जाएंगे। कुल तीन हजार बसों में पैनिक बटन लगेंगे। इसके लिए अनुबंधित बस मालिकों से 13 हजार रुपये लिए जाएंगे, जिससे बटन लगाने वाली कंपनी को भुगतान किया जाएगा।

जापान की कंपनी को मिला काम
चार हजार बसों में पैनिक बटन लगाए गए हैं। जापान की कंपनी को पैनिक बटन लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पैनिक बटन दबने पर डायल 112 पर सूचना जाएगी। अगले चरण में अनुबंधित बसों में भी पैनिक बटन लगाने की तैयारियां हैं।-यजुवेंद्र सिंह, प्रधान प्रबंधक आईटी, परिवहन निगम


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