पूर्व शिक्षा मंत्री अमरजीत सिंह जनसेवक (71) का निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि ठंड लगने से उन्हें निमोनिया हुआ था। एसजीपीजीआई में उन्होंने अंतिम सांस ली।
पूर्व शिक्षा मंत्री अमरजीत सिंह जनसेवक का निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे। जनसेवक को ठंड लग गई जिससे अस्थमा की दिक्कत बढ़ गई और निमोनिया हो गया था। हालत बिगड़ने पर परिजन उन्हें एसजीपीजीआई लखनऊ ले गए लेकिन स्थिति खराब होती गई। उनके अंतिम दर्शन के लिए उनके पांडुनगर स्थित आवास पर लोगों की भीड़ रही। अंतिम संस्कार शुक्रवार को सुबह साढ़े नौ बजे उनके बिंदकी फतेहपुर स्थित गांव आदमपुर कोरसम में होगा।
दिवंगत जन सेवक के बड़े बेटे आशीष सिंह ने बताया कि उनके पिता को आठ फरवरी को ठंड लग गई थी। इसके बाद हालत बिगड़ने लगी। पहले उन्हें हैलट में भर्ती कराया गया। उनका आईसीयू में इलाज चला। लेकिन हालत में सुधार न होने पर उन्हें एसजीपीजीआई लखनऊ रेफर कर दिया गया। इलाज से फेफड़ों का निमोनिया काबू में न आया और निधन हो गया। गुरुवार को परिजन पार्थिव शरीर लेकर पांडुनगर स्थित आवास पर आए। यहां उनके परिचिततों और चाहने वालों की भीड़ लगी रही।
आशीष ने बताया कि शुक्रवार सुबह साढ़े सात बजे अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव देह लेकर अपने गांव जाएंगे। गुरुवार को प्रदेश के मंत्री अजीत पाल सिंह, सांसद सत्यदेव पचौरी, विधायक नीलिमा कटियार, विधायक जय किशन सिंह जैकी, उद्यमी विजय कपूर, विधायक अभिजीत सिंह सांगा समेत गणमान्य लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे और शोक संवेदना व्यक्त की।
वर्ष 2002 में बने प्रदेश के शिक्षा मंत्री
अमरजीत सिंह जनसेवक ने कर्मचारी यूनियन की राजनीति से अपना कैरियर शुरू किया था। वह फंड आफिस के कर्मचारी नेता रहे हैं। इसके बाद वर्ष 1991 में भाजपा के टिकट पर पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। इसमें वह हार गए। इसके बाद 55 हजार वोट से पहला चुनाव जीते। वह बिंदकी से विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे। वर्ष 2002 में वह भाजपा-बसपा गठबंधन की सरकार में मायावती सरकार में मंत्री रहे। वर्ष 2012 में वह सपा में भी रहे हैं। जन सेवक ऐसे राजनेता रहे हैं जो अपनी खुशमिजाजी के लिए जाना जाता रहा है।
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