केंद्र सरकार ने कोरोना संकट की वजह से काफी समय से परेशान चल रहे ऑटो सेक्टर को बुधवार को बड़ी राहत दी है. सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन, हाइड्रोजन फ्यूल व्हीकल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव (production link incentive) के तहत 25,938 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. टेलीकॉम और ड्रोन सेक्टर को भी राहत दी गई है.
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज यह निर्णय लिया गया. कैबिनेट के इस फ़ैसले के बाद Auto sector में सरकारी अनुमान के मुताबिक 7.5 लाख लोगों को नौकरियां मिलेंगी. इससे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा.
टेलीकॉम सेक्टर में बड़ा बदलाव
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर में 9 बड़े संरचनात्मक सुधार किए जा रहे हैं. एजीआर की परिभाषा को बदलते हुए इससे गैर टेलीकॉम रेवेन्यू को बाहर किया जाएगा. वैष्णव ने कहा कि एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) काफी समय से विवादित मामला रहा है. इसलिए इसकी परिभाषा को बदला गया है. उन्होंने कहा कि आगे जो भी स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी उसके द्वारा कंपनियों को स्पेक्ट्रम रखने की इजाजत 30 साल के लिए होगी.
100 फीसदी एफडीआई
टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमेटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी गई है. इसके अलावा पीएम ने यह फैसला लिया है कि कस्टमर के सभी केवाईसी फॉर्म को अब डिजिटाइज किया जाएगा. वैष्णव ने कहा कि आगे से टेलीकॉम के लिए सभी तरह की केवाईसी डिजिटाइज्ड होगी और किसी तरह के फॉर्म या कागज लगाने की जरूरत नहीं है.
सभी बकाया के लिए चार साल का मोरेटोरियम
वैष्णव ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर को सभी बकाया के लिए चार साल का मोरेटोरियम दिया जाएगा. यानी वे अपना बकाया चार साल के लिए टाल सकते हैं. इसमें एजीआर और स्पेक्ट्रम सभी तरह के बकाया शामिल होंगे. लेकिन उन्हें इस दौरान बकाया का ब्याज देना होगा. यह व्यवस्था पिछली डेट में नहीं बल्कि अब से लागू होगी.
ड्रोन सेक्टर को भी प्रोत्साहन
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि ड्रोन सेक्टर के लिए भी पीएलआई के तहत 120 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. इससे देश में ड्रोन के उत्पादन और संचालन को बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने कहा कि पीएलआई की मदद से भारत दुनिया में ऑटो के लिए मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकेगा. यह लाभ सिर्फ उन्हींं कंपनियों को मिलेगा जो रेवेन्यू और निवेश की शर्तों का पालन करेंगी. फोर व्हीलर कंपनियों को अगले पांच साल में कम से कम 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा. उन्हें बढ़ी हुई बिक्री का एक निर्धारित फीसदी सरकार प्रोत्साहन के रूप में देगी. उन्होंने कहा कि इससे ऑटो सेक्टर में अगले पांच साल में 47,500 करोड़ रुपये का नया निवेश आएगा.
गौरतलब है कि ऑटो सेक्टर की हालत पिछले साल से ही काफी खराब है, जब देश में कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगा हुआ था. अगस्त महीने में ऑटो सेक्टर की बिक्री में करीब 11 फीसदी की गिरावट आई है. हालांकि जुलाई में बिक्री का आंकड़ा अच्छा था.
इंडस्ट्री ने किया स्वागत
राहत पैकेज के तहत ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन, ऑटोमेटिक ब्रेकिंग,इलेक्ट्रॉनिक स्टीयरिंग सिस्टम जैसे ऑटो कम्पोनेंट सेक्टर को भी प्रोत्साहन मिलेगा.ऑटो कंपनियों के संगठन SIAM ने इस पीएलआई स्कीम का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे ऑटो सेक्टर तरक्की की नई इबारत लिखेगा.
मोदी सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश में ही मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई स्कीम के तहत विभिन्न सेक्टर को राहत दे रही है. सरकार का महत्वाकांक्षी लक्ष्य यह है कि चीन की तरह भारत भी दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग सेंटर बने.
टेस्ला को होगा फायदा
जानकारों का कहना है कि सरकार के इस कदम का सबसे पहले फायदा इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली अमेरिकी कंपनी टेस्ला उठा सकती है. पीएलआई स्कीम के प्रोत्साहन से टेस्ला भारत में अपने प्रसिद्ध इलेक्ट्रिक कार के उत्पादन की शुरुआत कर सकती है।
Recent Comments