कानपुर में जमीनों के सर्किल रेट 9 साल बाद फिर बढ़ाए जा रहे हैं। तीन तहसीलों के शहरी क्षेत्रों के सर्किल रेट में औसतन 35 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। फिलहाल नए सर्किल रेट लागू करने के लिए शहरवासियों से आपत्ति मांगी गई है 28 जुलाई तक शहरवासी बढ़ी हुई दरों पर आपत्ति दे सकते हैं। एक अगस्त से नया सर्किल रेट लागू किया जाएगा। नर्वल तहसील और ग्रामीण क्षेत्रों में एक जनवरी से नए सर्किल रेट लागू किए जाएंगे। इसका सर्वे एक अगस्त के बाद शुरू होगा। फिलहाल शहरी क्षेत्रों के दाम बढ़े हैं। यानि अब लोगों को जमीन की रजिस्ट्री कराने में ज्यादा स्टांप ड्यूटी देनी होगी।
सर्किल रेट की जारी की गई लिस्ट 2015 में जिले के सर्किल रेट बढ़ाए गए थे। फिर कोरोना की वजह से बढ़ोतरी नहीं हो सकी थी। अब नौ साल बाद शहरी क्षेत्रों में सर्किल रेटों को बढ़ाया गया है। जिलाधिकारी की स्वीकृति के बाद एडीएम फाइनेंस राजेश कुमार ने नए सर्किल रेटों को जारी किया है।
वही कानपुर में बढ़े ज़मीनों के सर्किल रेट के पुनः मूल्यांकन के लिए विधायक अमिताभ बाजपेई ने निम्न आपत्तियां दाखिल कर विरोध जताया है।
1- यह कि प्रस्तावित मूल्यांकन सूची में पूरे जनपद में किसी भी गांव का रेट नहीं बढ़ाया गया है, इसका कोई उल्लेख प्रस्तावित मूल्यांकन सूची अथवा उसके साथ संलग्न सामान्य निर्देश में नहीं किया गया है, ग्रामीण क्षेत्र की दरें न बढ़ाये जाने का क्या कारण है?
2- यह कि ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण में किसानों को मुआवजा बढ़ी दर से ना देना पड़े, जबकि सामान्य निर्देश जो मूल्यांकन सूची का भाग है, में यह प्राविधान किया जा रहा है कि क्षेत्रफल-0.0510 हे० का मूल्याकंन निर्धारित दर में 200 प्रतिशत वृद्धि तथा उससे अधिक क्षेत्रफल होने पर 150 प्रतिशत वृद्धि के साथ मूल्यांकन किया जाएगा जबकि भूमि अधिग्रहण के समय किसानों को इस वृद्धि के साथ मुआवजा नहीं दिया जाता है, सिर्फ सामान्य दर पर मुआवजा प्रदान किया जाता है, जो न्याय संगत नहीं है, जबकि किसानों से अतिरिक्त मूल्य वृद्धि करके मूल्यांकन पर स्टांप शुल्क व उस दर पर 01 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन शुल्क लिया जाता है।
अतः ग्रामीण क्षेत्र की दरें बढ़ायी जाए।
3- यह कि शहरी क्षेत्र के रेट 50 प्रतिशत बढ़ाए गए हैं, जबकि रजिस्ट्रेशन शुल्क पहले ही बढ़ाकर कुल मूल्यांकन का 01 प्रतिशत लिया जा रहा है।
अतः प्रस्तावित दरों में संशोधन कर इस कम किया जाये।
4- यह कि प्रस्तावित मूल्यांकन सूची में औद्योगिक दरों में छूट कम की गई है। पूर्व की रेट सूची में 40 प्रतिशत व 60 प्रतिशत घटाकर मूल्यांकन किये जाने की व्यवस्था थी, जिसे घटाकर 30 प्रतिशत किया गया है, जो शासन की मंशा के विपरीत है। उद्योग धंधे स्थापित होंगे, तो रोजगार सृजित होगा व राजस्व बढ़ेगा। पूर्व की छूट यथावत रखी जाए।
इस तरह बढ़ाए गए रेट किए गए प्रस्तावित
- जाजमऊ, अफीमकोठी, कलक्टगंज जैसे प्रमुख क्षेत्र में 34.90% बढ़े रेट।
- स्वरूप नगर, आर्य नगर, तिलक नगर जैसे प्रमुख क्षेत्र में 35 फीसदी बढ़े।
- मछरिया, देहली सुजानपुर, अहिरवां, किदवई नगर में 35.10 फीसदी बढ़े।
- आजाद नगर, विकास नगर, काकादेव, शारदा नगर, कल्याणपुर में 29.5% की बढ़ोत्तरी।
- घाटमपुर तहसील के तहत आने वाले नगरीय क्षेत्र में 34.55 फीसदी बढ़े।
- बिल्हौर तहसील के तहत आने वाले नगरीय क्षेत्र में 41 फीसदी रेट बढ़े।
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