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गंगा किनारे मिले, एक-दूसरे का हाथ थामा…. अब हैं करोड़ों के मालिक

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Kanpur News : चकेरी में प्लाट कब्जाने का मामला- तथ्यों को छिपाकर व कोर्ट को गुमराह कर कराया मुकदमा…

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बाराबंकी: ABVP कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज मामले में CM योगी का एक्शन, सीओ सस्पेंड, इंस्पेक्टर-चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर।

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यूपी में चार पीढ़ियों की संपत्ति के बंटवारे पर खर्च होंगे 10 हजार रुपये।

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कानपुर : बच्चों से मिलकर भाव विह्वल हुये डीएम,गरीब बच्चों को बांटे निःशुल्क वस्त्र।

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मुंबई में अजित पवार गुट के एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. बीती रात बदमाशों ने मुंबई के बांद्रा में वारदात को अंजाम दिया. बाबा सिद्दीकी को बेहद करीब से सरेआम गोली मारी गई. इसके तुरंत बाद बाबा सिद्दीकी को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

मुंबई में शाम ढले हुए अभी डेढ़ घंटा भी ठीक से नहीं बीता था कि गोलियों की तड़तड़ाहट से बांद्रा का शोर टूट गया. एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई. मुंबई में एक बड़े नेता की सरेआम हत्या की खबर आग की तरह फैल गयी. इस घटना में मुंबई पुलिस ने सुपारी किलिंग की आशंका जताई है. गिरफ्तार किए गए दो लोग केवल शूटर हैं. पुलिस को संदेह है कि तीसरा फरार व्यक्ति वही है जिसने बाबा सिद्दीकी की हत्या की सुपारी ली थी.

दरअसल, विजयादशमी का मौका था. लोग बांद्रा में बाबा सिद्दीकी के दफ्तर के पास पटाखे फोड़ रहे थे तभी बीती रात 9 बजकर 15 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 20 मिनट के बीच बाबा सिद्दीकी अपने बेटे के दफ्तर से निकले. इसी पटाखे की ऊंची आवाज के बीच उनपर तीन लोगों ने गोली दाग दी.

पटाखा फोड़ते समय मुंह पर रूमाल बांधकर आए तीन लोग अचानक गाड़ी से उतरे और ताबड़तोड़ 6 राउंड फायरिंग कर दी. इसमें से तीन गोली बाबा सिद्दीकी को लगी. गोली लगते ही बाबा सिद्दीकी जमीन पर गिर गए. इसके बाद उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

जैसे ही मुंबई पुलिस को सूचना मिली वह तुरंत मौके पर पहुंची. पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया लेकिन तीसरा फरार हो गया. गिरफ्तार शख्स में से एक यूपी का है जबकि दूसरा हरियाणा का बताया जा रहा है.बाबा सिद्दीकी को गोली लगने की खबर मिलते ही डिप्टी सीएम और महाराष्ट्र के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस लीलावती अस्पताल पहुंचे.

हत्या के पीछे की वजह!

पुलिस हत्या के कारणों की जांच कर रही है. कहा जा रहा है कि स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (SRA) का मामला भी उनकी हत्या के पीछे की वजह हो सकती है, जिसका बाबा और उनके विधायक बेटे जीशान विरोध कर रहे थे. 2018 में ED ने बाबा सिद्दीकी की करीब 462 करोड़ की संपत्ति को अटैच कर दी थी.

मुंबई पुलिस ने दी थी दो सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा

पुलिस को नहीं पता कि बाबा सिद्दीकी को गोली मारने की सुपारी किसने और क्यों दी. पहले बताया जा रहा था कि बाबा सिद्दीकी को धमकी मिली थी लेकिन पुलिस का कहना है कि कोई धमकी नहीं मिली थी और ना ही उन्हें किसी कैटेगरी की सुरक्षा मिली थी. कहा जा रहा था बाबा सिद्दीकी को वाई कैटेगरी की सुरक्षा मिली थी. मुंबई पुलिस ने उन्हें दो पुलिसकर्मी मुहैया कराए थे क्योंकि वह पूर्व मंत्री थे, उनके बेटे विधायक थे और वह सत्तारूढ़ एनसीपी (एपी) का हिस्सा थे.

तीन बार विधायक रह चुके सिद्दीकी हाल ही में कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल हुए थे. पार्टी लाइन से हटकर नेताओं ने सिद्दीकी की मौत पर शोक जताया. वहीं विपक्षी दलों के कुछ नेताओं ने महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताई है. सिद्दीकी के करीबी मित्र और एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उनके पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं.

कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि उन्होंने उस समय सिद्दीकी के साथ काम किया था, जब वे दोनों इस पुरानी पार्टी में थे. यह खबर चौंकाने वाली है.

शिंदे सरकार पर सवाल

कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वह “युवा कांग्रेस के दिनों के मेरे प्रिय मित्र” की मौत से बहुत सदमे में हैं. एनसीपी (एसपी) नेता शरद पवार ने कहा कि यह चिंताजनक है कि महाराष्ट्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति किस तरह बिगड़ गई है.

राज्य के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी (एसपी) नेता अनिल देशमुख के साथ-साथ कांग्रेस के नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने इस घटना के लिए एकनाथ शिंदे सरकार की आलोचना की. दोनों ने कहा कि ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त एक नेता की इस तरह गोली मारकर हत्या कर दी जाना चौंकाने वाली बात है.

बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी अभी तक किसी गैंग ने नहीं ली है. वारदात को अंजाम देने के लिए बदमाशों ने 9.9 एमएम की पिस्तौल का इस्तेमाल किया है .मुंबई पुलिस के सामने इस हत्याकांड का खुलासा करने की सबसे बड़ी चुनौती है. लेकिन उससे भी बड़ी चुनौती शिंदे सरकार की है, जिन्हें इसी साल महाराष्ट्र के चुनाव में जाना है . ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हत्या का ये मामला और गरमाने वाला है.


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