कानपुर : इन्वेस्टर समिट के दौरान दावे तो बड़े-बड़े किए गए थे लेकिन वास्तविकता इससे काफी दूर है। दो वर्ष से ज्यादा हो गए हैं, जब इसमें 52,983 करोड़ रुपये के निवेश अनुबंध के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर हुए थे लेकिन अब तक जमीन पर मात्र 2205 करोड़ के प्रस्ताव ही उतर सके हैं। ये प्रस्ताव भी 60 इकाइयों के हैं, जबकि 733 इकाइयों के लिए हुए थे। दो वर्ष पहले इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया गया था ताकि ज्यादा से ज्यादा निवेश आए। 25 विभागों के तहत प्रस्ताव दिए गए थे लेकिन इनमें 14 विभागों ने एक भी प्रस्ताव न पर काम नहीं कराया। इनमें 222 प्रस्तावों के हस्ताक्षर किए गए थे। सिर्फ एमएसएमई, हार्टिकल्चर और आवास विभाग ही ऐसे हैं जहां 10 से अधिक प्रस्तावों पर काम शुरू हो चुका है। वैकल्पिक ऊर्जा, एक्साइज, स्किल डेवलपमेंट, नागरिक खाद्य आपूर्ति, उप्र एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी से तो अब तक एक भी प्रस्ताव ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के स्तर पर नहीं आ सके।
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