➡️ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के तैयार होने से दिल्ली-एनसीआर समेत यूपी में कनेक्टिविटी बेहतर होगी.
➡️यह 4 लेन एक्सप्रेसवे होगा, जिसे 6 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है.
➡️इस परियोजना को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
यह एक्सप्रेसवे इकोनॉमिक कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा, जो उत्तर प्रदेश के 2 औद्योगिक शहरों गाजियाबाद व कानपुर को जोड़ेगा. एनएचएआई ने एक्सप्रेसवे के लिए आवश्यक 90% भूमि पहले ही अधिग्रहित कर ली है।
Ghaziabad-Kanpur Expressway: देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक सड़कों का तेजी से जाल बिछाया जा रहा है. इनमें एक्सप्रेसवे से लेकर हाईवे शामिल हैं. आर्थिक दृष्टि से भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी भारत माला परियोजना के तहत कई रोड इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है. इसी कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं एक नए ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के बारे में, जिसकी मदद से गाजियाबाद से कानपुर का सफर महज साढ़े 3 घंटे में पूरा हो जाएगा.
इस एक्सप्रेसवे की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाने वाली कंपनी पहले ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को 3 विकल्प बताए हैं, जिस पर जुलाई में निर्णय लिया जाएगा. 380 किलोमीटर लंबे से ग्रीन फील्ड हाईवे को NHAI द्वारा ग्रीन हाईवे पॉलिसी के तहत बनाया जाएगा.
ये 10 शहर होंगे कवरइस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के तैयार होने से दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी, क्योंकि इसकी मदद से राज्य के 10 बड़े शहरों का सफर तय किया जा सकेगा. खास बात है कि इस हाईवे के तैयार होने के बाद गाजियाबाद से कानपुर तक का सफर महज साढ़े 3 घंटे का हो जाएगा. फिलहाल NH-91 गाजियाबाद और कानपुर को जोड़ता है व इसकी लंबाई 468 किलोमीटर है. इसके जरिये करीब 8 घंटे का समय लगता है.
यह एक्सप्रेसवे इकोनॉमिक कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा, जो गाजियाबाद कानपुर 2 औद्योगिक शहरों को जोड़ेगा. अधिकारियों के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे हापुड़, बुलन्दशहर, अलीगढ, कासगंज, एटा, फर्रुखाबाद, उन्नाव और कन्नौज के सीमावर्ती क्षेत्रों से होते हुए गाजियाबाद और कानपुर को जोड़ेगा.
नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की खासियतेंभारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद और कानपुर को जोड़ने वाले 4 लेन एक्सप्रेसवे होगा, जिसे 6 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है. इस कॉरिडोर में कहां एलिवेटेड, अंडरपास और कहां एंट्री व एग्जिट प्वाइंट होंगे. इसकी जानकारी डीपीआर अप्रूवल के बाद मिलेगी. गाजियाबाद से कानपुर तक का सफर हरियाली से भरा होगा.
इस परियोजना का लक्ष्य यात्रा के समय को कम करना और दोनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाना है. एनएचएआई ने एक्सप्रेसवे के लिए आवश्यक 90% भूमि पहले ही अधिग्रहित कर ली है, और निर्माण जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है. इस परियोजना को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
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