Ed Leadership 2025: जब शिक्षा बनी PATH- एक नई क्रांति की शुरुआत…

लखनऊ : 26–29 नवम्बर 2025 सिटी मॉंटेसरी स्कूल, लखनऊ एक बार फिर भारत के सबसे बड़े शिक्षा नेतृत्व...

पुलिस सेवा मात्र नौकरी नहीं, बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायित्व और समर्पण का प्रतीक है- रघुवीर लाल

कानपुर। पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने रिजर्व पुलिस लाइन्स स्थित प्रशिक्षण केन्द्र का भ्रमण किया। इस...

पत्रकारों का संगठित होना ज़रूरी क्यों?

अभय त्रिपाठी :- पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी हैं, लेकिन प्रहरी तभी सशक्त होता है जब वह अकेला नहीं...

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अभय त्रिपाठी :- पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी हैं, लेकिन प्रहरी तभी सशक्त होता है जब वह अकेला नहीं...

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अभय त्रिपाठी :- पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी हैं, लेकिन प्रहरी तभी सशक्त होता है जब वह अकेला नहीं...

कानपुर : बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सैकड़ों वकीलों के साथ पुलिस आयुक्त को दिया ज्ञापन।

कानपुर बार एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर...

मैथिलीशरण गुप्त: हिंदी और हिंदुस्तान को आजीवन समर्पित रही जिनकी कलम।

अभय त्रिपाठी :–हिंदी साहित्य के इतिहास में बेहद ख़ास दिन। 03 अगस्त सन् 1886 जिस दिन झांसी के...

कानपुर : इंटररेंज-9 गैंग में पुलिस ने 5 नाम बढ़ाए, उत्पीड़न के खिलाफ अधिवक्ता देंगे धरना।

पहले 21 सदस्यों का घोषित हुआ था इंटररेंज गैंग, इनमें 17 वकील। दीनू गैंग में दो भाजपा नेता समेत...

प्रयागराज : पत्रकार की चाकुओं से गोदकर की निर्मम हत्या, पुलिस ने आरोपी का किया हाफ एनकाउंटर।

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के सिविल लाइंस इलाके में बीती रात पत्रकार एलएन सिंह की...
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कांग्रेस पार्टी ने कानपुर लोकसभा सीट से ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगाया है। आलोक मिश्रा को कानपुर से प्रत्याशी बनाया गया है। आलोक मिश्रा एआईसीसी के सदस्य भी हैं। इसके साथ ही बीते दो दशक से पार्टी की सेवा कर रहे हैं।

कानपुरः यूपी का कानपुर कांग्रेस पार्टी का गढ़ रहा है। कांग्रेस पार्टी ने 28 साल बाद किसी ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगाया है। आलोक मिश्रा के नाम पर बीते कई दिनों से मंथन चल रहा था। शनिवार को पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया। आलोक मिश्रा कानपुर के चर्चित चेहरे हैं, और डीपीएस स्कूल के प्रबंधक हैं। वहीं, बीजेपी ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। जबकि बसपा सुप्रीमों मायावती ने युवा चेहरा कुलदीप भदौरिया को प्रत्याशी बनाया है।

कानपुर से पूर्व केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल कांग्रेस के सबसे मजबूत स्तंभ रहे हैं। श्रीप्रकाश जायसवाल की उम्र 80 प्लस हो जाने की वजह से उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली है। इसके साथ ही कांग्रेस के दूसरे सबसे बड़े चेहरे रूप में अजय कपूर का नाम था। अजय कपूर ने बीते दिनों कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। कांग्रेस पार्टी अजय कपूर को प्रत्याशी बनाने पर विचार विमर्श कर रही थी।

आलोक मिश्रा बने गठबंधन उम्मीदवार
कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी आलोक मिश्रा दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। पहली बार विधानसभा चुनाव 2002 में आलोक मिश्रा कल्यापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे। आलोक मिश्रा को 43,000 वोट मिले थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्हें 2007 में फिर कल्यानपुर सीट से प्रत्याशी बनाया गया। जिसमें महज 25,000 वोट मिले थे।

आलोक मिश्रा की पत्नी बंदना मिश्रा मेयर का लड़ चुकी हैं चुनाव
निकाय चुनाव 2017 में आलोक मिश्रा की पत्नी बंदना मिश्रा मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं। बंदना मिश्रा ने बहुत ही शानदार चुनाव लड़ा था। उनकी टक्कर बीजेपी प्रत्याशी प्रमिला पांडेय से थी। निकाय चुनाव में बंदना मिश्रा को 2,91,591 वोट मिले थे। लेकिन बंदना मिश्रा को बीजेपी प्रत्याशी प्रमिला पांडेय के सामने हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन कांग्रेस पार्टी दूसरे नंबर थी।

1984 में कांग्रेस ने उतारा था ब्राह्मण प्रत्याशी

कांग्रेस पार्टी ने 1984 में नरेशचंद्र चतुर्वेदी को प्रत्याशी के रूप में उतारा था। नरेशचंद्र चतुर्वेदी ने जीत भी दर्ज की थी। इसके बाद से ब्राह्मण प्रत्याशी जीत नहीं दर्ज सका। इसके बाद पार्टी ने भूधरमिश्रा को प्रत्याशी जरूर बनाया था, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई थी। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने वैश्य बिरादरी से श्रीप्रकाश जायसवाल को प्रत्याशी बनाया। श्रीप्रकाश भी अपना पहला चुनाव हार गए थे। लेकिन इसके बाद श्रीप्रकाश तीन बार सांसद रहे।


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