पुलिस सेवा मात्र नौकरी नहीं, बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायित्व और समर्पण का प्रतीक है- रघुवीर लाल

कानपुर। पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने रिजर्व पुलिस लाइन्स स्थित प्रशिक्षण केन्द्र का भ्रमण किया। इस...

पत्रकारों का संगठित होना ज़रूरी क्यों?

अभय त्रिपाठी :- पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी हैं, लेकिन प्रहरी तभी सशक्त होता है जब वह अकेला नहीं...

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कानपुर : बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सैकड़ों वकीलों के साथ पुलिस आयुक्त को दिया ज्ञापन।

कानपुर बार एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर...

मैथिलीशरण गुप्त: हिंदी और हिंदुस्तान को आजीवन समर्पित रही जिनकी कलम।

अभय त्रिपाठी :–हिंदी साहित्य के इतिहास में बेहद ख़ास दिन। 03 अगस्त सन् 1886 जिस दिन झांसी के...

कानपुर : इंटररेंज-9 गैंग में पुलिस ने 5 नाम बढ़ाए, उत्पीड़न के खिलाफ अधिवक्ता देंगे धरना।

पहले 21 सदस्यों का घोषित हुआ था इंटररेंज गैंग, इनमें 17 वकील। दीनू गैंग में दो भाजपा नेता समेत...

प्रयागराज : पत्रकार की चाकुओं से गोदकर की निर्मम हत्या, पुलिस ने आरोपी का किया हाफ एनकाउंटर।

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के सिविल लाइंस इलाके में बीती रात पत्रकार एलएन सिंह की...

लखनऊ-वाराणसी हाईवे 9500 करोड़ से बनेगा 6 लेन। राजधानी से काशी पहुँचगे सिर्फ 3 घँटे में।

लखनऊ : पूर्वांचल के यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार मिलकर...
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यूपी के कानपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने देर रात चेकिंग के दौरान एक फर्जी आयकर अधिकारी को गिरफ्तार किया है. वह पिछले आठ महीने से नकली आईडी कार्ड दिखाकर खुद को इनकम टैक्स ऑफिसर बता रहा था. पूछताछ में पता चला कि वह ऑफिसर बताकर लोगों पर रौब झाड़ रहा था. पुलिस जब उसके घर पहुंची तो सच्चाई जान परिवार वालों के होश उड़ गए.

पकड़े गए इस नटवरलाल ने अपने मां-बाप, रिश्तेदार, मोहल्ले वालों से भी झूठ बोल रखा था. उसने सभी को बता रखा था कि उसकी आयकर विभाग में नौकरी लग गई है और वो ऑफिसर बन गया है. लोग भी उसके झांसे में आ गए और उसका सम्मान करने लगे. लेकिन बीते दिन (3 अप्रैल) आरोपी की पोल खुल गई.

दरअसल, कानपुर पुलिस ने आचार संहिता लागू होने के बाद शहर में चेकिंग अभियान चलाया हुआ है. 3 अप्रैल को शाम के समय एसीपी कल्याणपुर फोर्स के साथ रावतपुर इलाके में चेकिंग कर रहे थे. इतने में एक काले रंग की कार आई जिसमें बड़ी सी नेम प्लेट लगी थी और उसमें भारत सरकार और आयकर अधिकारी लिखा हुआ था.
पुलिस को नहीं दे पाया जवाब, फिर पकड़ा गया
जब पुलिस वालों ने पूछताछ की तो रितेश शर्मा नाम के इस युवक ने हनक में बताया कि वह आयकर अधिकारी है. इस बीच एक पुलिस वाले ने पूछा कि वह किस पोस्ट पर तैनात है तो रितेश जवाब नहीं दे पाया. शक होने पर पुलिस वालों ने उससे सख्ती से पूछताछ की और थाने ले गई, जहां पूरा भेद खुल गया.

पूछताछ में सामने आया कि रितेश पिछले आठ महीने से फर्जी आयकर अधिकारी बनकर घूम रहा है. इतना ही नहीं उसने अपने घरवालों को भी ये बता रखा था कि वह इनकम टैक्स में अधिकारी बन गया है. उसकी बात मानकर परिवार वालों ने खुशी में पूजा-पाठ करवाया. 200 से 250 लोगों को खाना खिलाया और जमकर जश्न मनाया था.

रोज ड्यूटी करने जाता था

रितेश शर्मा रोजाना नौकरी के वक्त पर घर से निकल जाता और शाम के वक्त वापस आता. पहले उसके पास एक बाइक थी लेकिन नौकरी की बात कहकर उसने अपने पिता से कार ले ली. उसने पिता से कहा कि आपका बेटा एक आयकर अधिकारी है. अच्छा नहीं लगेगा अगर वो बाइक से जाएगा.

जानकारी के मुताबिक, रितेश एसएससी की तैयारी कर रहा था. तैयारी के बाद भी सेलेक्शन न होने के कारण उसने फर्जी ऑफिसर बनने की योजना बनाई. फिलहाल, पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने उसकी कार, फर्जी नंबर प्लेट, फर्जी आईडी कार्ड आदि को जब्त कर लिया है. साथ ही पिछले आठ महीने के बैंक अकाउंट को भी खंगाल रही है कि कहीं उसने ठगी तो नहीं की है.


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