पत्रकारों का संगठित होना ज़रूरी क्यों?

अभय त्रिपाठी :- पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी हैं, लेकिन प्रहरी तभी सशक्त होता है जब वह अकेला नहीं...

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कानपुर बार एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर...

मैथिलीशरण गुप्त: हिंदी और हिंदुस्तान को आजीवन समर्पित रही जिनकी कलम।

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कानपुर : इंटररेंज-9 गैंग में पुलिस ने 5 नाम बढ़ाए, उत्पीड़न के खिलाफ अधिवक्ता देंगे धरना।

पहले 21 सदस्यों का घोषित हुआ था इंटररेंज गैंग, इनमें 17 वकील। दीनू गैंग में दो भाजपा नेता समेत...

प्रयागराज : पत्रकार की चाकुओं से गोदकर की निर्मम हत्या, पुलिस ने आरोपी का किया हाफ एनकाउंटर।

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लखनऊ-वाराणसी हाईवे 9500 करोड़ से बनेगा 6 लेन। राजधानी से काशी पहुँचगे सिर्फ 3 घँटे में।

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यूपी के कानपुर (Kanpur) में इंडिया गठबंधन (India Alliance) के लोकसभा प्रत्याशी और समाजवादी पार्टी के विधायक समेत 200 लोगों पर केस दर्ज किया गया है. इन पर आरोप है कि आदर्श आचार संहिता और धारा 144 का उल्लंघन किया है, साथ ही सरकारी काम में बाधा भी डाली. बता दें कि बीते दिनों इंडिया गठबंधन के नेताओं और पुलिस के बीच थाने में नोकझोंक हो गई थी।

UP News: कानपुर पुलिस (Kanpur police) ने INDIA ब्लॉक के लोकसभा प्रत्याशी (India Alliance Lok Sabha candidate) और सपा विधायक समेत 200 लोगों के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है. आरोप है कि पुलिस से गलत भाषा का प्रयोग किया गया और सरकारी काम में बाधा डाली गई. दरअसल, ईद के दिन इंडिया गठबंधन के नेताओं और पुलिस के बीच कई घंटों तक बहस होती रही थी. थाने के अंदर सपा विधायक ने एसीपी को चैलेंज तक कर दिया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

इस मामले को लेकर पनकी थाने की पुलिस ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में सपा नेता सम्राट विकास यादव को हिरासत में ले लिया गया था. इसके बाद सपा और कांग्रेसी नेता भड़क गए और थाने का घेराव करते हुए धरने पर बैठ गए थे. समाजवादी पार्टी विधायक ने आक्रामक होते हुए चैलेंज कर दिया था कि औकात हो तो यही कार्रवाई रामनवमी के दिन करके दिखाओ. इसी वीडियो के आधार पर थाने की cctv रिकॉर्डिंग निकाली गई और पुलिस ने जांच करके अब केस दर्ज कर लिया है।

क्या था पूरा मामला

कानपुर पुलिस के मुताबिक, अरमापुर ईदगाह में परंपरागत तरीके से इस बार भी नमाज होनी थी. सभी व्यवस्थाएं ठीक थीं. समाजवादी नेता सम्राट विकास के लोग स्टॉल में पार्टी का फ्लेक्स लगाकर लस्सी बांट रहे थे. इस मौके पर मौजूद पुलिस ने आदर्श आचार संहिता (MCC) के चलते इसे हटाने को कहा तो सपा नेता सम्राट विकास पुलिस से ही भिड़ गए. इसके बाद डीसीपी विजय ढुल भी वहां पहुंच गए और सपा नेता से उनकी नोकझोंक शुरू हो गई.

कानपुर पुलिस ने आरोप लगाया है कि सपा नेता लोगों को सड़क पर नमाज पढ़ने के लिए भी उकसा रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने धारा 151 के तहत कार्रवाई करते हुए सपा नेता को हिरासत में ले लिया और पनकी थाने ले आई. इंडिया गठबंधन के नेताओं को इस बात का पता चला तो वह सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी और कांग्रेस नेता आलोक मिश्रा के नेतृत्व में थाने पहुंच गए।

थाने पहुंचकर जब इंस्पेक्टर से बात कर रहे थे तो पनकी इंस्पेक्टर मानवेन्द्र सिंह ने उन्हें उच्च अधिकारियों पास जाने की सलाह दी. इतने में सपा विधायक नाराज हो गए और इंस्पेक्टर को खरी-खोटी सुना दी. इसके बाद एसीपी को मौके पर भेजा गया. सपा विधायक ने एसीपी को भी चैलेंज दे डाला और औकात की बात कर दी थी और कहा था कि यही कार्रवाई रामनवमी में करके दिखाना, तब हम देखेंगे आपकी हैसियत.

सपा विधायक ने कहा था कि आप धर्म के आधार पर भेदभाव करेंगे. उसका कसूर इतना है कि वह सपा का नेता है. इसके बाद सभी नेता धरने पर बैठ गए और थाने के बाहर भीड़ जमा होने लगी थी. पुलिस ने भारी फोर्स मौके पर बुला ली थी. INDIA ब्लॉक के नेताओं ने अल्टीमेटम दिया था कि या तो सपा नेता को छोड़ा जाए या फिर उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए।

पुलिस ने मामले में क्या कार्रवाई की?

पुलिस के मुताबिक, जांच के दौरान थाने पर उपलब्ध CCTV फुटेज निकाली गई. जब वीडियो देखा गया तो स्पष्ट हो रहा है कि आचार संहिता का उल्लंघन किया गया. धारा 144 का भी उल्लंघन हुआ है. आरोपियों ने थाने में आक्रामक भाषा का प्रयोग करते हुए धरना प्रदर्शन किया, जिसके कारण लगभग एक घंटे से अधिक समय तक सरकारी कार्य बाधित रहा, जिसके आधार पर पुलिस ने सभी पर केस दर्ज किया है।


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