लोकसभा चुनाव : PM मोदी ने UP, MP और राजस्थान में जनसभाएं की। उन्होंने MP के मुरैना में कहा, ‘कांग्रेस सरकार में आई तो विरासत टैक्स लगाएगी। जब इंदिराजी नहीं रहीं तो उनके बेटे राजीव को ये प्रॉपर्टी मिलनी थी, लेकिन प्रॉपर्टी को बचाने के लिए उस समय के PM राजीव गांधी ने इनहेरिटेंस कानून को समाप्त किया। अब कांग्रेस सत्ता पाने के लिए वही कानून ज्यादा कड़ाई से वापस लाना चाहती है।
क्या भारत में विरासत टैक्स था: केंद्र सरकार ने 1953 में एस्टेट ड्यूटी ‘डेथ टैक्स’ एक्ट पास किया था। इसके मुताबिक, संपत्ति के मालिक के निधन के बाद किसी व्यक्ति को दी गई संपत्ति पर टैक्स लगाया जाता था। इनमें कृषि की जमीन समेत चल और अचल संपत्तियां भी शामिल थीं। यह कानून तभी लागू होता था, जब संपत्ति के मालिक की वयस्क उम्र (18+) में मृत्यु हो जाती थी।
एस्टेट ड्यूटी विरासत में मिली उन संपत्तियों पर लागू होता था, जिसका मूल्य तय सीमा से अधिक था। एक लाख रुपए की संपत्ति पर 7.5% और 20 लाख रुपए से ऊपर की संपत्तियों पर 85% तक टैक्स लगता था। संपत्ति की कीमत मार्केट वैल्यू के हिसाब से आंकी जाती थी। इस कानून को 1985 में राजीव गांधी सरकार ने खत्म कर दिया। भाजपा 2014 में विरासत कर को फिर से लागू करने पर विचार कर रही थी, लेकिन तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे खारिज कर दिया था।
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