#Kanpur : बार एसोसिएशन कार्यकारिणी का कार्यकाल खत्म..

विज्ञापन कानपुरः बार एसोसिएशन कार्यकारिणी का कार्यकाल गुरुवार को खत्म हो गया। कमेटी ने एल्डर्स...

#Kanpur : रेड क्रॉस सोसायटी ने मुसहर बस्ती में राहत सामग्री का किया वितरण।

कानपुर -इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के द्वारा गुरुवार मुसहर बस्ती में राहत सामग्री का वितरण किया...

Kanpur : सपा नेता पर गंभीर आरोप मकान कब्जाने को लेकर गुर्गो ने किया पथराव वीडियो वायरल।

उत्तर प्रदेश के कानपुर में समाजवादी पार्टी के नेता और महराजपुर विधानसभा सीट प्रत्याशी रह चुके मनोज...

Uptvlive पर सुबह की बड़ी खबरें…

➡लखनऊ – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज का कार्यक्रम, आज दो जिलों के दौरे पर रहेंगे...

योगी ने क्यों कहा जैसे जीता रामपुर वैसे सीसामऊ जीतेंगे, जहाँ 40 फीसदी मुसलमान वहाँ क्या प्लान योगी का?

कानपुर : सीएम योगी आदित्यनाथ गुरुवार को कानपुर में थे। यहां उन्होंने सुबह 725 करोड़ के प्रोजेक्ट...

Janmashtami 2024: ये हैं कानपुर के प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर, जन्माष्टमी पर आप भी पहुंचें दर्शन करने।

अगर आप कानपुर या आसपास के शहरों के रहने वाले हैं तो जन्माष्टमी के मौके पर कानपुर के प्रसिद्ध कृष्ण...

Uttarpradesh : योगी सरकार प्रदेश में लायी ग्रीन एनर्जी क्रांति…

यूपीसीडा की ग्रीन पहल, औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे रूफ टॉप सोलर प्लांट, ग्रीन...

UP IPS Transfer: यूपी पुलिस में फेरबदल, 18 आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर…

विज्ञापन अभय त्रिपाठी / UP IPS Transfer list: यूपी पुलिस में तबादलों का दौर जारी है। योगी सरकार ने...

योगी जैसा कोई मुख्यमंत्री नहीं’, डिप्टी CM केशव मौर्य के तारीफ करने के पीछे है ये कारण?

यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर डाली. उन्होंने कहा कि दुनिया में...
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कानपुर से कोई ढाई सौ किलोमीटर दूर ओरछा (मध्यप्रदेश) में राजा राम का मंदिर है। यहां पट खुलते ही सशस्र पुलिस की गारद राजा राम को सलामी देती है और फिर सिर नवाकर उनसे राजकाज की आज्ञा मांगती है। इसके बाद ही जिले का सरकारी कामकाज शुरू होता है, यह सब अंग्रेजों के शासन में भी होता था। यहां के राजा राम की सत्यकथा कोई 600 साल पुरानी है। तब यहां बुंदेली राजा मधुकर का राज था। मधुकर कृष्ण भक्त तो उनकी रानी कुंअर गणेश राम भक्त थीं। एक दिन राजा ने अपनी रानी कुंअर गणेश से यूं ही कह दिया कि राम की इतनी भक्त हो तो उन्हें अयोध्या से ओरछा ले आओ। रानी अयोध्या आ गईं और यहां 21 दिन सरयू तट पर राम की आराधना में डूब गईं। मान्यता है कि राम उनकी गोद में मूर्ति के रूप में प्रकट हुए। साथ ही शर्त रक्खी कि वह ओरछा चलेंगे लेकिन वहां जहां उन्हें रख दिया जाएगा, स्थापित हो जाएंगे। वह अयोध्या से वहां बालरूप में जाएंगे और राजा के रूप में विराजेंगे। रानी मूर्ति लेकर ओरछा आ गईं और मुर्ति को महल की रसोई में रख दिया। राम उसी ठौर वहीं स्थापित हो गए। पास ही उनके लिए चतुर्भुज मंदिर का निर्माण करवाया गया, लेकिन रसोई से राम की मूर्ति कोई तस से मस नहीं कर सका। तब राजा मधुकर ने अपने महल को ही मंदिर में तब्दील करवा दिया। तब से रामजी वहां राजा के रूप में विराजमान हैं। ओरछा का प्रशासन उन्हें आज भी अपनी सरकार और राजा मानता है। इसलिए पूरे प्रोटोकॉल के साथ मंदिर में राजा राम को सलामी दी जाती है। डीएम और एसपी भी मंदिर में माथा टेकते हैं…। पूरी दुनिया से लोग यहां आते हैं। देश में इस मंदिर की अयोध्या जैसी मान्यता है। रामनवमी में वहां भारी भीड़ पहुंचती है….।


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