कानपुर : किसी भी हादसे में जख्मी व्यक्ति को पुलिस के जवान मौके पर ही फर्स्ट एड देकर उसके जीवन की रक्षा कर सकेंगे। इसके लिए रेड क्रॉस सोसायटी की ओर से सोमवार को एक्सीडेंट में घायलों को प्राथमिक उपचार देने के लिए ट्रेनिंग का आयोजन पुलिस कमिश्नर कार्यालय में स्थित सभागार में किया गया। पुलिसकर्मियों को बेसिक ट्रेनिंग दी गई, वर्कशॉप का शुभारंभ रेड क्रॉस के सचिव आर के सफ़र द्वारा किया गया। इस मौके ओर श्री सफर ने कहा कि प्राथमिक चिकित्सा जीवन रक्षा है और विपत्ति किसी भी व्यक्ति के साथ कभी भी आ सकती है। क्योंकि पुलिसकर्मी फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में होते हैं इसलिए उन लोगों को प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान होना बहुत आवश्यक है किसी की जान बचाने वाला व्यक्ति दूसरे के लिए देवदूत के समान होता है।
सीपी के निर्देश पर लगाई गई कार्यशाला
रोड एक्सिडेंट में जब कोई यात्री घायल होता है तो सबसे पहले वहां पर पुलिस पहुंचती है। अस्पताल पहुंचाने तक व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देने की आवश्यकता होती है, लेकिन कई बार इसकी जानकारी न होने के कारण घायलों को फर्स्ट एड नहीं मिल पाता, जिससे उनकी जान चली जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस कमिश्नर के निर्देशानुसार पुलिसकर्मियों के लिए रेडक्रॉस द्वारा वर्कशाप का आयोजन गया। इसमें रेड क्रॉस टीम ने पुलिसकर्मियों को प्राथमिक उपचार देने की ट्रेनिंग दी।
जीवन रक्षा के लिए दी गई ट्रेनिंग
सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को बहुत से प्रकार से चोट पहुंच सकती है, जिसकी वजह से उनके शरीर का कोई भी अंग प्रभावित हो सकता है। इसलिए पुलिसकर्मियों को घायल व्यक्ति को अलग-अलग प्रकार से उपचार देने के बारे में जानकारी दी गई। घायल या बेहोश हुए व्यक्तियों को उपचार देने के लिए विभिन्न यंत्रों को चलाने की ट्रेनिंग दी गई पुलिसकर्मियों को जागरूक करते हुए बताया गया कि घायल को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस में किस प्रकार लेटाया जाना चाहिए और किस प्रकार का उपचार देकर उसे अस्पताल पहुंचाना चाहिए।
120 पुलिसकर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण।
वर्कशॉप में 120 पुलिसकर्मियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया ममता तिवारी ने CPR के बारे में विस्तार से बताया तथा लखन शुक्ला ने बताया की यदि हड्डी टूट जाए, पसली में चोट लग जाए, शरीर में कहीं से खून निकल रहा हो यह शरीर का कोई अंग कट जाए जाए ,चोट लग जाए तो कैसे वहां पर मौजूद साधनों से उसकी सहायता करके उसको अस्पताल तक भेजा जा सकता है।
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