सुरेश अवस्थी छात्र नेता रहे सुरेश अवस्थी 2009 में भाजपा उत्तर जिला में उपाध्यक्ष थे। इसके बाद वह भाजपा की प्रदेश इकाई में मंत्री पद पर भी रहे। इसके बाद 2017 में वह सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे लेकिन समाजवादी पार्टी के इरफान सोलंकी से मात्र 5826 वोटों से वह चुनाव हार गए थे। पार्टी ने इस बार फिर उन्हें चुना है।
सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र (Sisamau assembly constituency) की राजनीति अब तक के इतिहास में तीन दलों के बीच लड़ाई का अखाड़ा रही है। कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा, फिर कांग्रेस और उसके अरमानों को रौंद आगे बढ़ी सपा की साइकिल। यहां यही चलता आ रहा है। फिलहाल, तीन चुनाव से सपा का गढ़ बनी इस सीट पर फिर कब्जे की लड़ाई अब होनी है।
सीसामऊ विधानसभा सीट (Sisamau Vidhan Sabha) अब समाजवादी पार्टी का अभेद्य किला बन गई है। इस किले को ढहाने के लिए भाजपा ने सुरेश अवस्थी जबकि बसपा ने वीरेंद्र कुमार शुक्ला को मैदान में उतारा है। सपा से इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी मैदान में हैं। 2017 के चुनाव में भाजपा के सुरेश अवस्थी इस सीट पर 5826 वोट से हार गए थे। भाजपा ने वोटों के इस अंतर पाटने के लिए 2022 में सलिल विश्नोई पर भरोसा जताया था और सुरेश को आर्यनगर भेजा था लेकिन वहाँ पर भी सपा के अमिताभ बाजपेयी को जीत मिली और सुरेश को पराजय का मुंह देखना पड़ा था।
1974 में अस्तित्व में आई सीट, पहली जीत कांग्रेस की
सीसामऊ सीट का गठन 1974 में हुआ था तब यह सीट सुरक्षित थी। 2012 में जब परिसीमन हुआ तब यह सामान्य हुई। पहली बार यहां से कांग्रेस के शिवलाल जीते थे, लेकिन 1977 के चुनाव में जनता पार्टी यहां से जीत गई थी।
हालांकि जनता पार्टी से यह सीट 1980 के चुनाव में कांग्रेस की कमला दरियावादी ने छीन ली थी । कमला यहां से दो बार जीतीं , लेकिन 1989 के चुनाव में जनता दल की लहर में यह सीट कांग्रेस को गंवानी पड़ी थी।
2007 : कांग्रेस के संजीव दरियावादी
2012 : सपा के इरफान सोलंकी
2017 : सपा के इरफान सोलंकी
2022 : सपा के इरफ़ान सोलंकी
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